गोपाल कृष्ण गोखले की जयंती
- 9 मई को प्रधानमंत्री द्वारा ‘गोपाल कृष्ण गोखले’ की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9 मई 1866 को हुआ था।
परिचय
- यह एक स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, विचारक एवं सुधारक थे। इनके गुरु का नाम महादेव गोविंद रानाडे था। गोखले को आर्थिक मामलों की अच्छी समझ और उस पर अधिकार-पूर्वक बहस करने की क्षमता से उन्हें भारत का ‘ग्लेडस्टोन’ कहा जाता है।
- गोखले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में नरमपंथी दल के सबसे प्रसिद्ध नेता थे। नौजवानों का चरित्र निर्माण कर उनको सार्वजनिक जीवन के लिए प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से उन्होंने 1905 में सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी की स्थापना की। साथ ही उनका यह भी मत था कि वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा भारत की महत्वपूर्ण आवश्यकता है।
- उनका कहना था कि स्व-शासन व्यक्ति की औसत चारित्रिक दृढ़ता और व्यक्तियों की क्षमता पर निर्भर करती है। महात्मा गांधी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।
गोपाल कृष्ण गोखले से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य
- इन्होंने ‘डेक्कन एजुकेशन सोसायटी’ के सचिव के रूप में भी कार्य किया। ये वर्ष 1894 में आयरिश राष्ट्रवादी अल्फ्रेड वेब को ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने हेतु तैयार करने के लिए आयरलैंड भी गए थे।
- राजनीति और समाज पर अपने सुधारवादी विचारों को प्रचारित करने के लिए इन्होने ‘ज्ञानप्रकाश’ नामक एक दैनिक समाचार पत्र का भी प्रकाशन किया।
- वर्ष 1903 में, गोखले को भारत के गवर्नर-जनरल की परिषद का सदस्य भी चुना गया। मिंटो-मॉर्ले सुधारों (1909) को तैयार करने में इन्होने महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
- महात्मा गांधी ने ‘गोखले, मेरे राजनीतिक गुरु ‘नामक एक पुस्तक भी लिखी थी। ये जिन्ना के भी राजनीतिक गुरु थे। सभी भारतीयों के लिए राजनीतिक स्वतंत्रता, सामाजिक सुधार और आर्थिक प्रगति के महत्व के बारे में उनकी मूलभूत अवधारणाएं अभी भी हमारे समय के लिए प्रासंगिक है।
स्रोत:पीआइबी