गैर-संचारी रोगों (NCDs) के लिए सरकारी कार्यक्रम का नाम बदला गया
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPCDCS) का नाम बदल दिया है।
- इसे अब ‘राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग (NCDs ) रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम’ (NP-NCD) कहा जाएगा।
- कार्यक्रम में गैर-अल्कोहोलिक फैटी लिवर रोग, क्रोनिक किडनी रोग जैसी कई नई बीमारियों को शामिल किया गया है।
- साथ ही, NCDs को नियंत्रित करने तथा रोकथाम के लिए नई स्वास्थ्य पहलें भी शुरू की गई हैं। इन्हीं वजहों से NPCDCS का नाम बदलना अनिवार्य हो गया था ।
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने NPCDCS को 2010 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के हिस्से के रूप में लॉन्च किया था ।
- मंत्रालय ने व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल NCD पोर्टल का नाम भी परिवर्तित कर ‘राष्ट्रीय NCD पोर्टल’ कर दिया है।
- यह पोर्टल 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की आबादी के बीच फैले पांच सामान्य NCDs के प्रति जोखिम आकलन और स्क्रीनिंग को सक्षम बनाता है।
गैर-संचारी रोग:
- गैर-संचारी रोग (Non-Communicable Diseases- NCD) लंबी अवधि तक व्याप्त रहते हैं, जिसे पुरानी बीमारियों के रूप में भी जाना जाता है और आनुवंशिक, शारीरिक, पर्यावरण तथा व्यवहार संबंधी कारकों के संयोजन का परिणाम होते हैं।
- ये पांच सामान्य NCDs हैं: उच्च रक्तचाप, मधुमेह और तीन प्रकार के कैंसर अर्थात मुख, स्तन और सर्वाइकल कैंसर ।
- कैंसर, मधुमेह जैसे NCDs (चिरकालिक रोग) आनुवंशिक, शारीरिक, पर्यावरण और व्यवहार संबंधी कारकों के संयोजन के कारण होते हैं ।
- WHO के आकड़ों के अनुसार हर साल किसी एक NCD के कारण 17 मिलियन लोगों की 70 वर्ष की आयु पूरी करने से पहले ही मृत्यु हो जाती है।
NCDs को नियंत्रित करने के लिए शुरू की गई पहलें –
- NCDs की रोकथाम और नियंत्रण में तेजी से प्रगति के लिए WHO ने ग्लोबल NCD कॉम्पैक्ट 2020 – 2030 लॉन्च किया है।
- राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) चलाया जा रहा है।
- संचारी रोगों के साथ-साथ NCDs और चोटों के इलाज के लिए आयुष्मान भारत कार्यक्रम शुरू किया गया है।
- इनडोर वायु प्रदूषण को कम करने के लिए प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना शुरू की गई है।
स्रोत – द हिन्दू