हाल ही में दूरसंचार विभाग ने गुजरात में 5G परीक्षण के लिए लाइसेंस आवंटित किए हैं।
वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड और रिलायंस जियो इन्फोकॉम को गुजरात में 5G अनुप्रयोगों के परीक्षण के लिए लाइसेंस और स्पेक्ट्रम प्रदान किए गए हैं।
5G(5वीं पीढ़ी) 4GLTE नेटवर्क के बाद अगली पीढ़ी की मोबाइल नेटवर्क तकनीक है। यह एक एकल तकनीक नहीं है, बल्कि अलग-अलग तकनीकों का समामेलन है जैसे:
- विशाल बहु-उपयोगकर्ता मल्टीपलइनपुटमल्टीपलआउटपुट (MIMO) सक्षम नेटवर्क।
- बेस स्टेशनों और उपयोगकर्ताओं के निर्बाध संपर्क के लिए छोटे सेल स्टेशन।
- मोबाइल एज कंप्यूटिंग, जो क्लाउड कंप्यूटिंग को भौतिक रूप से उपयोगकर्ता के समीप लाता है।
5G तकनीक के संभावित उपयोगः
- उन्नत मोबाइल ब्रॉडबैंड (उच्च गुणवत्ता वाली स्ट्रीमिंग व त्वरित भंडारण),
- ड्रोन की रेंज और अंतः क्रियाशीलता में वृद्धि,
- स्मार्टसिटी बुनियादी ढांचा,
- यातायात प्रबंधन,
- परिशुद्ध कृषि आदि।
5जी सेवाओं को शुरू करने से संबंधित चुनौतियां:
तकनीकी (स्पेक्ट्रम उपलब्धता की कमी, घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्माण में दक्ष न होना आदि), वित्तीय (दूरसंचार कंपनियों पर अधिक कर का बोझ), ढांचागत (वैकहॉल, मेमोरी और स्टोरेज अवसंरचना) इत्यादि।
5जी को शुरू करने के लिए भारत में किए गए उपायः
- राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति-2018 में 50 सेवाओं के संबंध में उद्देश्य निर्धारित किए गए हैं।
- दूरसंचार विभाग (DOT) ने प्रदर्शन उद्देश्यों के लिए स्पेक्ट्रमउपलबकराकर परीक्षण पद्धति को सरल बनाया है।
- भारत में 50 के विजन को स्पष्ट करने के लिए वर्ष 2017 में 5जी उच्च स्तरीय फोरम की स्थापना की गई थी।
स्रोत – द हिन्दू