गिनी गुणांक
हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के आर्थिक अनुसंधान विभाग ने ‘इकोरैप’ (SBI Ecowrap) नामक अपनी शोध रिपोर्ट जारी की है।
इसमें क्रमशः 20 और 9 राज्यों के लिए गिनी गुणांक पर चावल एवं गेहूं की खरीद के हिस्से के प्रभाव का विश्लेषण किया गया है।
गिनी गुणांक
- गिनी गुणांक किसी देश के धनी और निर्धन लोगों की आय या संपदा में मौजूद अंतर को मापने का एक सांख्यिकीय उपाय है।
- इसका मान 0 (या 0% ) से लेकर 1 ( या 100% ) के मध्य होता है। इसमें 0 पूर्ण समानता को दर्शाता है और 1 पूर्ण असमानता को दर्शाता है।
- ऋणात्मक आय या संपदा के कारण 1 से अधिक मान सैद्धांतिक रूप से संभव है ।
- यदि गिनी गुणांक में सामान्य वृद्धि होती है, तो इसका अर्थ है कि सरकारी नीतियां समावेशी नहीं हैं।
- साथ ही, ये नीतियां गरीबों की बजाये अमीरों को अधिक लाभ पहुंचा सकती हैं।
- गिन्नी गुणांक का 40 से नीचे का मान आमतौर पर सहनीय सीमा के भीतर माना जाता है।
स्रोत – बिजनेस स्टैण्डर्ड