राजस्थान न्यूनतम गारंटी आय विधेयक 2023
हाल ही में राजस्थान सरकार द्वारा ‘राजस्थान न्यूनतम गारंटी आय विधेयक 2023’ पेश किया गया है।
इस विधेयक के मुख्य तीन उद्देश्य हैं – न्यूनतम गारंटी कृत आय का अधिकार, गारंटीकृत रोजगार का अधिकार और गारंटीकृत सामाजिक सुरक्षा पेंशन का अधिकार।
विधेयक में शामिल है-
इस विधेयक के तहत राज्य के सभी परिवारों को हर साल 125 दिनों के रोजगार की गारंटी मिलती है, जबकि वृद्धों, दिव्यांगों, विधवाओं और एकल महिलाओं को न्यूनतम 1,000 रुपये प्रति माह पेंशन मिलती है।
साथ ही पेंशन में हर साल 15 फीसदी की दर से बढ़ोतरी की जाएगी।
सरकार का इस योजना पर प्रतिवर्ष 2,500 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च का अनुमान है, जो समय के साथ भी बढ़ सकता है।
विधेयक के मुख्य प्रावधान:
न्यूनतम गारंटीकृत आय: राज्य के प्रत्येक वयस्क नागरिक को ग्रामीण क्षेत्रों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा)और शहरी क्षेत्रों के लिए राजस्थान सरकार की प्रमुख इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से वर्ष में 125 दिन न्यूनतम आय की गारंटी दी गई है।
विदित हो कि इस साल अपने बजट भाषण में राजस्थान सरकार ने शहरी और ग्रामीण रोजगार योजना के तहत प्रति परिवार रोजगार गारंटी को 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन कर दिया था।
इसके बाद, सरकार पात्र व्यक्तियों को न्यूनतम 1,000 रुपये की पेंशन प्रदान करेगी।
रोजगार की गारंटी : रोजगार के अधिकार में कहा गया है कि शहरी या ग्रामीण रोजगार योजनाओं में काम के बाद न्यूनतम मजदूरी का भुगतान ‘साप्ताहिक या किसी भी मामले में एक पखवाड़े से अधिक नहीं’ किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम अधिकारी (ग्रामीण में बीडीओ और शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निकाय के एक कार्यकारी अधिकारी) यह सुनिश्चित करेंगे कि कार्य स्थल जहां जॉब कार्ड पंजीकृत है, उसके 5 किमी के दायरे में है।
यदि कार्यक्रम अधिकारी आवेदन प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर काम की पेशकश करने में विफल रहता है तो आवेदक बेरोजगारी भत्ते का हकदार है।
गारंटीशुदा सामाजिक सुरक्षा पेंशन: सरकार पात्र श्रेणियों (वृद्ध, विकलांग, विधवा और एकल महिलाओं) को न्यूनतम 1,000 रुपये की पेंशन प्रदान करेगी , जिसे हर साल 15% की दर से बढ़ाया जाएगा।
विधेयक का महत्व:
इस विधेयक में देश की कई पहली बातें शामिल हैं। उदाहरण के लिए, कानून द्वारा न्यूनतम रोजगार और पेंशन की गारंटी इसे नकद हस्तांतरण योजनाओं से अलग करती है।
यह विधेयक इस साल के अंत में होने वाले चुनावों को ध्यान में रखते हुए मुद्रास्फीति से निपटने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं और उपायों का एक हिस्सा है ।
सामाजिक सुरक्षा और न्याय को सुनिश्चित करना तथा मुद्रास्फीति से राहत प्रदान करना।
निष्कर्ष:
इस साल की शुरुआत में अपने बजट भाषण में इस योजना की घोषणा करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा था कि महात्मा गांधी का संदेश, ‘किसी भी समाज का असली माप इस बात से पता लगाया जाना चाहिए कि वह अपने सबसे कमजोर सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है।’ यही संदेश सरकार की सभी नीतियों के केंद्र बिंदु में था।
इसलिए कमजोर/वंचित लोगों का कल्याण सुनिश्चित करना प्रत्येक सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस