गाँठदार त्वचा रोग
हाल ही में भारत के गौवांशोंमें गाँठदार त्वचा रोग या ‘लंपी स्किन डिजीज़’ (एलएसडी) के संक्रमण के मामले देखने को मिले हैं। गौरतलब है कि भारत में इस रोग के मामले पहली बार दर्ज किये गए हैं।
संक्रमण का कारण:
मवेशियों या जंगली भैंसों में यह रोग ‘गाँठदार त्वचा रोग वायरस’ (एलएसडीवी) के संक्रमण के कारण होता है।
यह वायरस ‘कैप्रिपॉक्स वायरस’जीनस के भीतर तीन निकट संबंधी प्रजातियों में से एक है, इसमें अन्य दो प्रजातियाँ ‘शीपपॉक्स वायरस’ और ‘गोटपॉक्स वायरस’ हैं।
लक्षण:
यह पूरे शरीर में विशेष रूप से सिर, गर्दन, अंगों, थन (मादा मवेशी की स्तन ग्रंथि) और जननांगों के आसपास दो से पाँच सेंटीमीटर व्यास की गाँठ के रूप में प्रकट होता है।
रोकथाम:
गाँठदार त्वचा रोग का नियंत्रण और रोकथाम चार रणनीतियों पर निर्भर करता है, जो निम्नलिखित हैं – ‘आवाजाही पर नियंत्रण (क्वारंटीन), टीकाकरण, संक्रमित पशुओं का वध और प्रबंधन’।
स्रोत – डाउन टू अर्थ