गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य में उच्चतम स्तर की वृद्धि

गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य में उच्चतम स्तर की वृद्धि

केंद्र सरकार ने गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (Fair and Remunerative Price : FRP) में अब तक के उच्चतम स्तर की वृद्धि की है।

  • हाल ही में केंद्र ने 10% की मूल वसूली दर हेतु गन्ने के उचितऔर लाभकारी मूल्य (FRP) में वृद्धि करते हुए इसे वर्ष 2021-22 के लिए 290 रुपये प्रति क्विटल कर दिया है।
  • ज्ञातव्य है कि उचित और लाभकारी मूल्य (FRP), चीनी मिलों द्वारा गन्ना उत्पादकों को देय न्यूनतम मूल्य होता है। FRP, गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 के तहत निर्धारित किया जाता है।
  • FRP का निर्धारण कृषि लागत और मूल्य आयोग (Commission for Agricultural Costs and Prices: CACP) की अनुशंसाओं के आधार पर और राज्य सरकारों एवं अन्य हितधारकों के परामर्श के उपरांत कियाजाता है।
  • रिकवरी/वसूली दर गन्ने से प्राप्त होने वाली चीनी कीमात्रा है। गन्ने से प्राप्त चीनी की मात्रा जितनी अधिक होती है, बाजार में उसका उतना ही अधिक मूल्य प्राप्त होता है।
  • हालांकि, सरकार की तदनुसार चीनी के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि करने की कोई योजना नहीं है, जो वर्तमान में 31 रुपये प्रति किलोग्राम है।

महत्वः

  • वर्ष 2021-22 के चीनी सीजन के लिए गन्ने की उत्पादन लागत 155 रुपये प्रति क्विटल है। इस प्रकार 290 रुपये प्रति क्विटल का FRP किसानों को उनकी लागत पर 50% से अधिक का प्रतिलाभ भी सुनिश्चित करता है।
  • किसानों को अधिक प्रतिलाभ और समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए अन्य उपायों में शामिल है।
  • राजस्व में बढ़ोत्तरी के लिए एथेनॉल उत्पादन में वृद्धि और ई. संवर्धन के लिए चीनी मिलों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
  • चीनी के निर्यात से चीनी मिलों की चलनिधि उपलब्धता (liquidity) में सुधार हुआ है। इससे वे किसानों को गन्ने के बकाया मूल्य का भुगतान करने में सक्षम हुई हैं।

स्रोत – द हिन्दू

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