गंगा नदी बेसिन का मानचित्रण

गंगा नदी बेसिन का मानचित्रण

हाल ही में, जल शक्ति मंत्रालय ने गंगा नदी बेसिन के हिमनद झील एटलस का विमोचन किया है।

इसमें गंगा नदी बेसिन को इसमें योगदान करने वाली प्रमुख नदियों के संगम के आधार पर 11 उप-बेसिनों में विभाजित किया गया है।

एटलस को राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र, इसरो (ISRO) के जल विज्ञान संबंधी (हाइड्रोलॉजिकल) अध्ययनों का उपयोग करके राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना (National Hydrology Project: NHP) के तहत विकसित किया गया है।

मुख्य निष्कर्ष:

  • गंगा नदी के बेसिन में कुल 4,707 हिमनद झीलों का मानचित्रण किया गया है और प्रत्येक को एक विशिष्ट हिमनद झील पहचान संख्या प्रदान की गई है।
  • केवल 6 उप-बेसिनों में हिमनद झीलें हैं, जो मुख्य रूप से कोसी और घाघरा उप-बेसिन में अवस्थित हैं।
  • यमुना उप-बेसिन में हिमनद झीलों की न्यूनतम संख्या मौजूद है।
  • झीलों की संख्या का 93.50 प्रतिशत हिस्सा उत्तराखंड में है, उसके उपरांत 8.50 प्रतिशत हिमाचल प्रदेश में है।

एटलस की अपेक्षित उपयोगिता:

  • स्थानिक सीमा में नियमित या आवधिक परिवर्तनों (विस्तार/संकुचन) की निगरानी के लिए तथा नई झीलों के निर्माण के संबंध में प्रामाणिक डेटाबेस प्रदान करेगा।
  • महत्वपूर्ण हिमनद झीलों और परिणामी ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) जोखिम की पहचान करने तथा आपदा प्रबंधन में उपयोगी सिद्ध होगा।
  • नई जलविद्युत/बहुउद्देशीय परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में सहायक होगा।

राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना (NHP) के बारे में

  • जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आरंभ किए गए NHP का उद्देश्य जल संसाधन सूचना के विस्तार, गुणवत्ता और पहुंच में सुधार करना तथा भारत में लक्षित जल संसाधन प्रबंधन संस्थानोंकी क्षमता को सुदृढ़ करना है।
  • इसके भाग के रूप में, विस्तृत हिमनद झील सूची, ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) जोखिम को प्राथमिकता और चयनित झीलों के लिए ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) का अनुकरण (Simulation) सिंधु, गंगा तथा ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन को कवर करने वाली भारतीय हिमालयी नदियों के संपूर्ण जलग्रहण के लिए किया जाता है।

स्रोत – पीआईबी

Download Our App

More Current Affairs

Share with Your Friends

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

Related Articles

Youth Destination Facilities

Enroll Now For UPSC Course