गंगा के संरक्षण और कायाकल्प में स्वच्छ गंगा निधि का महत्व

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गंगा के संरक्षण और कायाकल्प में स्वच्छ गंगा निधि का महत्व

हाल ही में,गंगा से लोगो का जुड़ाव महसूस करनेऔर एक स्वामित्व की भावना पैदा करने वाली पहल के तौर पर सरकार द्वारा गंगा स्वच्छता अभियान के तहत एक स्वच्छ गंगा निधि निर्मित की गई थी|

हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा इस योजना की सफलता की तारीफ की गई है| उन्होंने कहा कई बड़े संगठन और आम लोग गंगा निधि में योगदान के लिए आगे आ रहे हैं, कुछ नियमित रूप से और अपनी पेंशन से भी योगदान कर रहे हैं, जो स्वच्छ और निर्मल गंगा के उद्देश्य को प्राप्त करने के मिशन में हमारे संकल्प को मजबूत करता है।’

पृष्ठभूमि:

  • विदित हो कि साल 2014 से गंगा नदी का संरक्षण और कायाकल्प प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकता रही है। जिसके तहत सरकार ने गंगा के विकास हेतु कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया|
  • इनमे से गंगा सफाई हेतु सरकार की प्रमुख योजना नमामि गंगे रही है| सरकार के प्रमुख कार्यक्रम नमामि गंगे का मुख्य उद्देश्य गंगा को स्वच्छ बनाने के साथ ही उसके प्राचीन गौरव को वापस लाना है।
  • गंगा नदी भारत की प्रमुख बड़ी नदियों में से एक है जिसके कायाकल्प करने में न केवल बड़ी चुनौतियां हैं इनमे सबसे बड़ी चुनौती वित्तीय निवेश की आवश्यकता को लेकर थी ।इसलिए सरकार ने एक स्वच्छ गंगा निधि बनाई जिसमें हर कोई गंगा नदी की सफाई के लिए योगदान कर सकता है।

स्वच्छ गंगा निधि का लाभ

Benefit of clean Ganga fund

  • गंगा सफाई के लिए स्वच्छ गंगा निधि (सीजीएफ) का गठन जनवरी 2015 में इसका किया गया था|
  • मुख्य उद्देश्य : आम जनता, निजी कंपनियां, सरकारी कंपनियां, प्रवासी भारतीय (एनआरआई) और भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) आदि लोग गंगा सफाई अभियान में अपना योगदान दे सकें|
  • स्वच्छ गंगा निधि के तहत विदेश से भी लोग गंगा संरक्षण के लिए योगदान कर रहे हैं। गंगा स्वछता समिति के अनुसार मार्च, 2021 तक, स्वच्छ गंगा निधि में 453 करोड़ रुपये की धनराशि जमा की गई है,जिनमें से प्रमुख परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं।
  • इन परियोजनाओं में उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड द्वारा केदारनाथ के पास गौरीकुंड का विकास, 5 नालों का प्रशोधन कार्य, घाटों और श्मशानों का पुनर्निर्माण, हरिद्वार में हर की पौड़ी परिसर का निर्माण और विभिन्न क्षेत्रों में वनरोपण शामिल हैं|

नमामि गंगे परियोजना:

यह केंद्र सरकार की योजना है इसको  वर्ष 2014 में गंगा के प्रदूषण को कम कर उसे स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।इस योजना का क्रियान्वयन केंद्रीय जल संसाधन,नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।

स्रोत – द हिन्दू

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