खुदरा प्रत्यक्ष योजना का अनावरण

खुदरा प्रत्यक्ष योजना का अनावरण

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सरकारी प्रतिभूतियां (G-secs) के अंतर्गत ‘खुदरा प्रत्यक्ष योजना’ का अनावरण किया।

  • खुदरा प्रत्यक्ष योजना (Retail Direct Scheme) व्यक्तिगत निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की सुविधा के लिए वन-स्टॉप समाधान है।
  • इससे पूर्व, छोटे निवेशक म्यूचुअल फंड खरीदकर या जीवन बीमा प्रतिष्ठानों द्वारा जारी कुछ पॉलिसियों के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों में अप्रत्यक्ष रूप से निवेशकर सकते थे।

योजना की प्रमुख विशेषताएं

  • खुदरा निवेशकों (व्यक्तियों) को RBI में ‘खुदरा प्रत्यक्ष गिल्ट खाता’ (RDG Account) खोलने और बनाए रखने की सुविधा होगी।
  • सरकारी प्रतिभूतियों के प्राथमिक निर्गमन और निगोशिएटेड डीलिंग सिस्टम ऑर्डर मैचिंग (NDS-OM) तक पहुंच प्राप्त होगी।
  • NDS-OM द्वितीयक बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों के व्यापार के लिए एक अनाम इलेक्ट्रॉनिक ऑर्डर मिलान प्रणाली है।

योजना की आवश्यकता

  • सरकारी प्रतिभूति बाजार में बैंकों, म्युचुअल फंड आदि जैसे संस्थागत निवेशकों का वर्चस्व है, जो छोटेनिवेशकों के लिए द्वितीयक बाजार में कम तरलता शेष रहने देते हैं।
  • इससे पूर्व एक्सचेंज में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) गोबिड (GoBid) ऐप या रिटेल डेट मार्केट । (RDM) सेगमेंट जैसे खुदरा निवेशकों के बीच G-sec को लोकप्रिय बनाने के प्रयासों का वांछित परिणाम नहीं मिला था।
  • यह योजना निवेशकों के आधार को व्यापक बनाने में मदद करेगी।

G-secs क्या है?

ये सरकार द्वारा धन उधार लेने के लिए जारी किए गए ऋण लिखत हैं। इनकी दो प्रमुख श्रेणियां हैं:

  • राजकोष बिल (Treasury bills):लघु अवधि के लिखत, जो 91 दिन, 182 दिन या 364 दिनों में परिपक्व होते हैं; तथा
  • दिनांकित प्रतिभूतियाँ (Dated securities):दीर्घकालिक लिखत, जो 5 वर्षों से 40 वर्षों के बीच किसी भी समय परिपक्व होते हैं।

स्रोत – द हिन्दू

Download Our App

More Current Affairs

Share with Your Friends

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

Related Articles

Youth Destination Facilities

Enroll Now For UPSC Course