खाद्य संकट पर खाद्य संकट के खिलाफ वैश्विक नेटवर्क (GNAFC)की वैश्विक रिपोर्ट
खाद्य संकट पर खाद्य संकट के खिलाफ वैश्विक नेटवर्क (GNAFC)की वैश्विक रिपोर्ट
- हाल ही में, खाद्य संकट के खिलाफ वैश्विक नेटवर्क (Global Network Against Food Crises -GNAFC) ने खाद्य संकट पर वैश्विक रिपोर्ट, 2021( Global Report on Food Crises,2021) जारी की है ।
- खाद्य संकट के खिलाफ वैश्विक नेटवर्क (GNAFC) यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र और अन्य सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों द्वारा गठित एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
- खाद्य संकटों के विरुद्ध वैश्विक नेटवर्क ने अपने अध्ययन में कुल 55 देशों के हालात की समीक्षा की है ,जिसमें GNAFCकी रिपोर्ट ने पाया किअब से पहलेइस तरह की भुखमरी का बदहाल स्तर पांच वर्ष पहले दर्ज किया गया था ।
- GNAFC की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में 155 मिलियन से अधिक लोग, तीव्र खाद्य असुरक्षा की स्थिति में थे,जो वर्ष 2019 की तुलना में 20 मिलियन अधिक है।
- GNAFC की रिपोर्ट के अनुसार 38 देशों व क्षेत्रों में करीब 2.80 करोड़ लोगों को पोषक आहार की कमी से जूझना पड़ रहा है ।
- COVID-19 की महामारी से संबंधित संघर्ष, ख़राब मौसम और आर्थिक झटके, लाखों लोगों को खाद्य असुरक्षा में धकेल रहे हैं।
- इसमें से लगभग 133,000 लोग खाद्य असुरक्षा के सबसे गंभीर चरण में हैं।वे ज्यादातर बुर्किना फासो, यमन और दक्षिण सूडान से हैं।
- 2020 में 28 मिलियन से अधिक लोगों को आपातकालीन स्तर की खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा। आपातकालीन स्तर का मतलब है कि वे भुखमरी से एक कदम दूर थे।
- 2016 से 2020 के बीच, खाद्य असुरक्षा से प्रभावित जनसंख्या 94 मिलियन से बढ़कर 147 मिलियन हो गई है।
अफ्रीका:
- रिपोर्ट के अनुसार अफ्रीकी देश विषमतापूर्ण ढंग से प्रभावित है। हिंसक संघर्ष के कारण लगभग 10 करोड़ लोगों के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है, जिससे उनकी जीवन व आजीविका पर जोखिम है।खाद्य असुरक्षा का सामना करने वाले तीन में से दो लोग अफ्रीकी महाद्वीप से है।
- भोजन की कमी के कारण अफ्रीका सबसे अधिक प्रभावित महाद्वीप है।63% से अधिक वैश्विक खाद्य कमी के मामले अफ्रीका से हैं।
स्रोत: द हिन्दू
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