खाद्य प्रसंस्करण उद्योग हेतु उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना को मंजूरी
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग हेतु उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरेलू कंपनियों को मजबूत करने के लिए 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ “खाद्य प्रसंस्करण उद्योग हेतु उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना” (PLISFPI) को मंज़ूरी दी है।
घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और आयात बिलों में कटौती करने के लिये केंद्र सरकार ने मार्च, 2020 में एक उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI)योजना प्रस्तुत की, जिसका उद्देश्य घरेलू इकाइयों में निर्मित उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिये कंपनियों को प्रोत्साहन देना है।
PLISFPIयोजना का मुख्य उद्देश्य:
- इस योजना का उद्देश्य वैश्विक बाजारों में खाद्य उत्पादों के भारतीय ब्रांड को मजबूत करना, कृषि उपज की पारिश्रमिक कीमतों को सुनिश्चित करना और किसानों को उच्च आयऔर रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना है।
- इसकी अवधि छह साल (2021-22 से 2026-27 तक) के लिए होगी। इस योजना से देश में आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- भारत में वाणिज्यिक प्रतिष्ठान स्थापित करने के लिये विदेशी कंपनियों को आमंत्रित करने के अलावा इस योजना का उद्देश्य, स्थानीय कंपनियों को विनिर्माण इकाई स्थापना या विस्तार के लिये प्रोत्साहित करना है।
- PLISFPI योजना को ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स, IT हार्डवेयर जैसे-लैपटॉप, मोबाइल फोन और दूरसंचार उपकरण, बड़े घरेलू उपकरण, रासायनिक सेल और वस्त्र इत्यादि जैसे क्षेत्रों में भी मंज़ूरी दी गई है।
कवरेज:
- उन खाद्य विनिर्माण संस्थाओं को प्रोत्साहन देना जो निर्धारित न्यूनतम बिक्री के साथ मज़बूत भारतीय ब्रांडों को प्रोत्साहित करने के लिये प्रसंस्करण क्षमता के विस्तार और विदेशों में ब्रांडिंग हेतु निवेश करने के इच्छुक हैं।
- पहला घटक चार प्रमुख खाद्य उत्पाद खंडों के विनिर्माण को प्रोत्साहित करने से संबंधित है– रेडी मेड खाद्य पदार्थ, प्रसंस्कृत फल और सब्जियां, समुद्री उत्पाद और मोज़ेरेला चीज़।
- दूसरा घटक ब्रांडिंग और विपणन के लिये विदेशों से समर्थन प्राप्त करने से संबंधित है।
अनुमानित लाभ:
इस योजना के कार्यान्वयन से प्रसंस्करण क्षमता के विस्तार से 33,494 करोड़ रुपये का प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादन प्राप्त होगा तथा 2026-27 तक लगभग 2.5 लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजित भी होगा
मुख्य बिंदु:
- चुने गये आवेदकों को 2021-22 और 2022-23 के पहले दो वर्षों में संयंत्र और मशीनरी में उनके आवेदन के अनुसार निवेश करना होगा।
- इस योजना का उद्देश्य विदेशों में भारतीय ब्रांडों को इन-स्टोर ब्रांडिंग, शेल्फ स्पेस के किराये के साथ बढ़ावा देना है और विपणन के लिए आवेदक संस्थानों को अनुदान प्रदान करेगा।
- इस योजना के लिए आवेदन करने हेतु एक राष्ट्रीय स्तर का पोर्टल स्थापित किया जाएगा, जबकि योजना के तहत कवरेज के लिए आवेदकों का चयन, अनुमोदन और धन जारी करने का कार्य, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।
स्रोत – पीआईबी
[catlist]