खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने ‘विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति 2021 जारी की है
यह संयुक्त रूप से खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO), अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष (AED), संयुक्त राष्ट्रबाल कोष (यूनिसेफ). विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा तैयार की गई है।
मुख्य निष्कर्ष
- अल्पपोषण की व्यापकता 8.4 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 9.9 प्रतिशत हो गई है। इससे वर्ष 2030 में शून्य मुखमरी लक्ष्य को प्राप्त करने की चुनौती बढ़ गई है।
- वर्ष 2020 में पांच वर्ष से कम आयु के 22 प्रतिशत बच्चे ठिगनेपन (stunting) से ग्रसित थे, 7% दुबलेपन (wasted) से ग्रस्त थे, और 5.7 प्रतिशत अधिक वजनी (overweight) थे।
सामाजिक सुरक्षा प्रणालियां
वर्ष 2019 में विश्व स्तर पर प्रजनन आयु वर्ग की तीन में से लगभग एक महिला अभी भी एनीमियासे प्रभावित थी।
संघर्ष, जलवायु परिवर्तनशीलता और चरम स्थितियां तथा आर्थिक गिरावट (कोविङ-19 महामारी के कारण) हाल ही में भुखमरी में वृद्धि और कुपोषण के सभी रूपों को कम करने में धीमी प्रगति के कारक है ।
अनुशंसाएं:
- संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय सहायता, विकास और शांति निर्माण नीतियों को समेकित करना।
- खाद्य प्रणालियों में जलवायु लचीलापन बढ़ाना।
- निर्धनता और संरचनात्मक असमानताओं से निपटना तथा निर्धन हितैषी एवं समावेशी हस्तक्षेप सुनिश्चित करना।
- स्वस्थ आहार प्रारूप को बढ़ावा देने के लिए खाद्य परिवेश को सुदृढ़ करना और उपभोक्ता व्यवहार को परिवर्तित करना
- खाद्य सुरक्षा प्रणालियाँ–सभी के लिए खाद्य सुरक्षा पोषण सुधार और वहनीय स्वास्थ्यप्रद आहार के लिए खाद्य प्रणालियों का रूपांतरण
- प्रणालियों जैसे –पर्यावरणीय ,सामाजिक सुरक्षा ,कृषि -खाद्य एवं स्वास्थ्य के साथ खाद्य प्रणाली नीतियों का समन्वय करना।
स्रोत – द हिन्दू