क्षैतिज एवं ऊर्ध्वाधर आरक्षण कार्यप्रणाली

क्षैतिज एवं ऊर्ध्वाधर आरक्षण कार्यप्रणाली

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज आरक्षण की कानूनी स्थिति को स्पष्ट किया है।

पृष्ठभूमि:

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सौरव यादव बनाम उत्तर प्रदेश मामले,जो की राज्य में कांस्टेबलों के पदों को भरने हेतु चयन प्रक्रिया में विभिन्न वर्गों को दिए जाने वाले आरक्षण के तरीके से उत्पन्न विवाद से संबंधित था,में ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज आरक्षण लागू किए जाने की कानूनी स्थिति को स्पष्ट किया।

‘ऊर्ध्वाधर एवं क्षैतिज आरक्षण’ क्या हैं?

ऊर्ध्वाधर आरक्षण:

  • अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए दिए जाने वाले आरक्षण को ऊर्ध्वाधर आरक्षण कहा जाता है।
  • यह विधि के अंतर्गत निर्दिष्ट प्रत्येक समूह के लिए अलग से प्रदान किया जाता है। यह कानून के तहत निर्दिष्ट प्रत्येक समूहों के लिये अलग से लागू होता है।अनुच्छेद 16 (4) ऊर्ध्वाधर आरक्षण की परिकल्पना करता है।

क्षैतिज आरक्षण:

क्षैतिज आरक्षण का तात्पर्य महिलाओं, सेवानिवृत्त सैनिकों, ट्रांसजेंडर समुदाय और विकलांग व्यक्तियों आदि लाभार्थियों को सभी ऊर्ध्वाधर आरक्षण श्रेणियों में समान अवसर प्रदान करनाअनुच्छेद 15 (3) क्षैतिज आरक्षण की परिकल्पना करता है।

आरक्षण का अनुप्रयोग:

  • क्षैतिज कोटा को ऊर्ध्वाधर श्रेणी से अलग लागू किया जाता है।
  • उदाहरणार्थ, यदि महिलाओं को 50% क्षैतिज आरक्षण प्राप्त होता है, तो प्रत्येक ऊर्ध्वाधर आरक्षण श्रेणी के चयनित उम्मीदवारों में आधी संख्या महिलाओं की होगी, अर्थातअनुसूचित जाति के सभी चयनित उम्मीदवारों में आधी संख्या महिलाओं की होगी, इसी प्रकार अनारक्षित या सामान्य श्रेणी में भी सभी चयनित उम्मीदवारों में आधी संख्या महिलाओं की होगी। यही प्रक्रिया सभी प्रकार की आरक्षण श्रेणियों में लागू होगी।

संबंधित मामले:

  • वर्ष 2020 में सौरव यादव बनाम उत्तर प्रदेश राज्य वाद में कांस्टेबलों के पदों की चयन प्रक्रिया में आरक्षण को लागू करने से उत्पन्न मुद्दे का समाधान किया गया।
  • उत्तर प्रदेश सरकार ने आरक्षित श्रेणियों के उम्मीदवारों द्वारा उच्च ग्रेड हासिल करने के बाद भी उन्हें अपनी श्रेणियों तक सीमित रखने की नीति का अनुसरण किया था।

सर्वोच्च न्यायालय का फैसला:

  • न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के विरुद्ध फैसला सुनाते हुए कहा कि यदि ऊर्ध्वाधर- क्षैतिज दोनों ही आरक्षित श्रेणियों के तहत आने वाला कोई व्यक्ति ऊर्ध्वाधर आरक्षण के बिना ही अर्हता के लिये पर्याप्त अंक हासिल कर लेता है तो उस व्यक्ति को ऊर्ध्वाधर आरक्षण के बिना अर्हता प्राप्त के रूप में गिना जाएगा और उसे सामान्य श्रेणी में क्षैतिज कोटा से बाहर नहीं किया जाएगा।
  • न्यायालय ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के तर्क का अर्थ है कि सामान्य वर्ग केवल उच्च जातियों के लिये ‘आरक्षित’ था।

महत्त्व:

  • न्यायालय का यह निर्णय आरक्षण को लेकर स्पष्टता प्रदान करेगा और सरकारों के लिये आरक्षण को लागू करना आसान बना देगा।
  • यदि उच्च स्कोरिंग उम्मीदवारों को सामान्य श्रेणी के तहत भर्ती किया जाएगा तो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के अधिक ज़रूरतमंद उम्मीदवारों को लाभ मिलेगा।

भारत में आरक्षण से संबंधित प्रावधान:

  • संविधान का अनुच्छेद 15(3) महिलाओं के पक्ष में सुरक्षात्मक विभेद की अनुमति देता है।
  • संविधान के अनुच्छेद 15(4) और अनुच्छेद 16(4) राज्य और केंद्र सरकारों को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिये सरकारी सेवाओं में सीटें आरक्षित करने में सक्षम बनाते हैं।
  • वर्ष 1995 में संविधान में 77वाँ संविधान संशोधन किया गया और अनुच्छेद 16 में एक नया खंड (4A) शामिल किया गया, जो सरकार को पदोन्नति में आरक्षण प्रदान करने में सक्षम बनाता है।
  • संविधान के अनुच्छेद 330 और अनुच्छेद 332 क्रमशः संसद एवं राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जातिऔर और अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिये सीटों के आरक्षण के माध्यम से विशिष्ट प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करते हैं।
  • अनुच्छेद 243ङप्रत्येक पंचायत में अनुसूचित जातिऔर अनुसूचित जनजाति के लिये सीटों के आरक्षण का प्रावधान करता है।
  • साथ ही यह उपलब्ध सीटों की कुल संख्या में से एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिये आरक्षित करने का भी प्रावधान करता है।
  • अनुच्छेद 233प्रत्येक नगरपालिका में अनुसूचित जातिऔर अनुसूचित जनजाति के लिये सीटों के आरक्षण का प्रावधान करता है।
  • अनुच्छेद 335 के अनुसार, प्रशासन की दक्षता बनाए रखने हेतु अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के दावों का ध्यान रखा जाना चाहिये।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस

Download Our App

More Current Affairs

Share with Your Friends

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

Related Articles

Youth Destination Facilities

Enroll Now For UPSC Course