हाल ही में मंत्रिमंडल ने सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) को पुनः शुरु करने और जारी रखने को स्वीकृति प्रदान की है।
मंत्रिमंडल ने इसे वित्त वर्ष 2021-22 के शेष महीनों और 15वें वित्त आयोग की अवधि के साथ-साथ वित्त वर्ष 2025-26 तक जारी रखने की स्वीकृति प्रदान की है।
ध्यातव्य है कि वर्ष 2020 में, मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 के दौरान MPLADS को संचालित नहीं करने तथा कोविङ-19 महामारी के प्रभावों से निपटने के लिए इस राशि को वित्त मंत्रालय के अधीन रखने का निर्णय लिया था।
MPLADS के बारे में:
- MPLADS एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जो पूर्णतः भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इसे वर्ष 1993 में सांसदों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों का सुझाव देने और निष्पादित करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया था। राज्य सभा के सदस्य उस राज्य के एक या एक से अधिक जिलों में कार्यों की अनुशंसा कर सकते हैं, जहां से वे निर्वाचित हुए हैं।
- लोकसभा और राज्य सभा के मनोनीत सदस्य इस योजना के तहत अपनी रुचि के कार्य के कार्यान्वयन के लिए देश के किसी एक राज्य से किसी एक या अधिक जिलों काचयन कर सकते हैं।
- सांसदों को भी प्रत्येक वर्ष अनुसूचित जाति (SC) आबादी वाले क्षेत्रों के लिए MPLADS पात्रता के कम से कम 15% और अनुसूचित जनजाति (ST) आबादी वाले क्षेत्रोंके लिए 5% की लागत वाले कार्यों की अनुशंसा करनी होती है।
- प्रति सांसद निर्वाचन क्षेत्र में वार्षिक MPLADS अव्यपगत निधि पात्रता 5 करोड़ रुपये है।
मंत्रालयः सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय।
प्रक्रिया
कार्य की अनुशंसा सांसद द्वारा नोडल जिला प्राधिकरण को की जाती है। इसके बाद, संबंधित नोडल जिला प्राधिकरण अनुशंसित कार्यों को लागू करने और निष्पादित कार्यों और खर्च की गई राशि के विवरण को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है।
स्रोत – पी आई बी