दिल्ली मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस)

दिल्ली मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस)

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में राष्ट्रीय परिवहन निगम ने देश में पहली रैपिड रेल लॉन्च किया। इसका नाम ‘RAPIDX’ रखा गया है| यह मेट्रो आरआरटीएस कॉरिडोर पर चलेगी जो पूरे एनसीआर में मुख्य शहरी जंक्शनों को जोड़ेगी। भारत की पहली क्षेत्रीय रैपिड ट्रेन का नाम “नमो भारत” रखा गया है।

Delhi Meerut Regional Rapid Transit System

क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के संदर्भ में:      

  • सेमी हाई-स्पीड रेल कनेक्टिविटी के मूल में, आरआरटीएस एक एकीकृत, जन पारगमन नेटवर्क है।
  • आरआरटीएस मेट्रो से अलग है, क्योंकि यह कम स्टॉप और उच्च गति के साथ अपेक्षाकृत लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधा प्रदान करता है।
  • एनसीआरटीसी प्रोजेक्ट के अनुसार, आरआरटीएस एक बहुत ही विश्वसनीय और समर्पित यात्रा अनुभव है। इसके साथ, RAPIDX अपने यात्रियों को पूरे एनसीआर के सभी प्रमुख इंटरचेंजों में आरामदायक रेल सेवा प्रदान करेगा।

क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का उद्देश्य:

  • इसका उद्देश्य पूरे एनसीआर में बेहतर कनेक्टिविटी और पहुंच के माध्यम से संतुलित और टिकाऊ शहरी विकास सुनिश्चित करना है।
  • आरआरटीएस का उद्देश्य मौजूदा परिवहन केंद्रों पर मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के अलावा विभिन्न तरीकों से एनसीआर की संपूर्ण क्षमता को अनलॉक करना है।
  • परियोजना का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य यात्रियों को सार्वजनिक परिवहन की ओर प्रेरित करना है।
  • इस परियोजना का लक्ष्य रोजगार सृजन को बढ़ावा देना और एनसीआर की वर्तमान रूपरेखा के साथ नए वाणिज्यिक केंद्र खोलना है।
  • यात्रा के कम समय से क्षेत्र की समग्र आर्थिक उत्पादकता बढ़ने की उम्मीद है।

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारा:

  • दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे का 17 किलोमीटर लंबा प्राथमिकता वाला खंड गाजियाबाद, गुलधार और दुहाई स्टेशनों के साथ साहिबाबाद को ‘दुहाई डिपो‘ से जोड़ेगा।
  • प्रधानमंत्री ने 8 मार्च, 2019 को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारा की आधारशिला रखी थी।
  • आरआरटीएस की गति सामान्य महानगरों से तीन गुना अधिक है। इसके चलने की गति 160-180 किमी प्रति घंटा है। रेल की क्षमता 1 घंटे के भीतर 10 किमी की दूरी तय करने की है।
  • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में तैयार किए जाने वाले कुल आठ आरआरटीएस कॉरिडोर की पहचान की गई है, जिनमें से तीन कॉरिडोर को चरण- I में लागू करने की प्राथमिकता दी गई है, जिसमें दिल्ली-गाजियाबाद- मेरठ कॉरिडोर; दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर कॉरिडोर और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर शामिल है।

आरआरटीएस मौजूदा मेट्रो या रेलवे प्रणालियों से किस प्रकार भिन्न है?

  • मेट्रो एक सार्वजनिक परिवहन प्रणाली है जो राष्ट्रीय राजधानी में संचालित होती है। वहीं, आरआरटीएस ट्रेन को राष्ट्रीय राजधानी के आसपास के विभिन्न शहरों के बीच तेज और अधिक सुविधाजनक यात्रा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • आरआरटीएस ट्रेनों को विशेष रूप से 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो केवल 60 मिनट में 100 किलोमीटर तक की दूरी तय करती है। इसके विपरीत, दिल्ली मेट्रो ट्रेनें 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं।

नमो भारत की विशेषताएं:

  • दिल्ली मेरठ के बीच लगने वाला वर्तमान समय 3 घंटे से घटकर 1 घंटे से भी कम रह जाएगा|
  • सार्वजनिक परिवहन के अन्य साधनों के साथ निर्बाध मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी |
  • ग्लोबल एजुकेश, स्वास्थ्य और आवास तक बेहतर पहुंच |
  • परियोजना की लागत 30 हजार करोड़ है |
  • हर ट्रेन में महिलाओं के लिए आरक्षित कोच |
  • हर स्टेशन पर पीने के पानी, वॉशरूम, डायपर चेंजिंग की सुविधा होगी |
  • सुरक्षित यात्रा के लिए हर स्टेशन पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स तथा सीसीटीवी से 24 घंटे निगरानी रहेगी |
  • मेक-इन-इंडिया मुहिम के तहत भारत में किया जा रहा ट्रेनसेट, हाई-स्पीड ब्लास्टलेस ट्रैक का निर्माण |

स्रोत – पीआईबी

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