हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने क्षय रोग (TB) के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (NSP) पर अपडेटेड मार्गदर्शन-पत्र जारी किया है ।
क्षय रोग के लिए NSP एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में उपायों के माध्यम से क्षय रोग के व्यापक नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय अधिकारियों व हितधारकों का मार्गदर्शन करता है।
अपडेटेड मार्गदर्शन वर्ष 2015 के टूलकिट का संशोधित रूप है। इसका उद्देश्य क्षय रोग की रोकथाम, देखभाल और नियंत्रण के लिए NSP विकसित करना है।
क्षय रोग/तपेदिक (TB) के बारे में
यह ‘माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस’ के कारण होने वाला एक संचारी रोग है। इसका संक्रमण हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
इस रोग का इलाज और रोकथाम संभव है।
क्षय रोग की दो श्रेणियां निम्नलिखित हैं:
पल्मोनरी टीबीः यह फेफड़ों को प्रभावित करती है
एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबीः यह फेफड़ों के साथ अन्य अंगों को भी प्रभावित करती है।
WHO ने वर्ष 2030 तक टीबी के उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। वहीं भारत ने इस वैश्विक लक्ष्य से पांच वर्ष पहले यानी वर्ष 2025 तक उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2021 के अनुसार, भारत में टीबी मामलों की संख्या वर्ष 2015 के 217 प्रति एक लाख जनसंख्या से कम होकर वर्ष 2020 में 188 प्रति एक लाख जनसंख्या हो गई है।
यह 13% की गिरावट है।
टीबी पर नियंत्रण के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदम
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन रणनीतिक योजना 2017-2025 जारी की है।
- राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) चलाया जा रहा है।
- ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान चलाया जा रहा है।
- टीबी रोगियों को पोषण संबंधी सहायता के लिए ‘निक्षय पोषण योजना आरंभ की गई है।
स्रोत –द हिन्दू