क्वाड राष्ट्रों का मालाबार युद्धाभ्यास
हाल ही में ‘क्वाड’ (Quad) अर्थात चतुर्पक्षीय सुरक्षा वार्ता समूह के 4 सदस्य राष्ट्रों (भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया)की नौसेनाएं मालाबार युद्धाभ्यास के 25 वें संस्करण में भाग ले रही हैं। 26 अगस्त से प्रशांत महासागर में स्थित ‘गुआम’ के तट पर यह नौसेना युद्धाभ्यास शुरू हो रहा है।
मालाबार युद्धाभ्यास का अवलोकन:
वर्ष 1992 में समुद्री नौसैन्य युद्धाभ्यास की मालाबार श्रृंखला भारत और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच युद्धाभ्यास के रूप में आरंभ हुई थी। इस युद्धाभ्यास में वर्ष 2015 में जापान को सामिलित किया गया और इसके बाद से यह एक त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यास बन गया।
‘क्वाड समूह’ (Quad Group) क्या है?
- यह एक चतुष्पक्षीय देशों का संगठन है जिसमे भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।
- इस समूह के सभी सदस्य राष्ट्र लोकतांत्रिक देश हैं इसके होने साथ-साथ गैर-बाधित समुद्री व्यापार तथा सुरक्षा संबंधी साझा हित भी रखते हैं।
- इस विचार को पहली बार वर्ष 2007 में जापानी प्रधान मंत्री शिंजोआबे द्वारा प्रस्तावित किया गया था। हालाँकि, ऑस्ट्रेलिया के समूह में शामिल नहीं होने के कारण यह विचार आगे नहीं बढ़ सका है।
इस संगठन का महत्व:
- क्वाड (Quad) परस्पर सूचनाएं साझा करने तथा पारस्परिक हितों संबंधी परियोजनाओं पर सहयोग करने वाले समान विचारधारा वाले देशों को एक साथ लाता है।
- इसके सदस्य देश एक खुले और मुक्त इंडो-पैसिफिक दृष्टिकोण को साझा करते हैं।
- यह भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के बीच वार्ता के कई मंचों में से एक है तथा इसे किसी एक विशेष संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए।
‘क्वाड समूह’ के प्रति चीन की आशंकाएं:
- बीजिंग, काफी समय से भारत-प्रशांत क्षेत्र में इन लोकतांत्रिक देशों के गठबंधन का विरोध करता रहा है।
- चीन, इसे एशियाई-नाटो (Asian-NATO) चतुष्पक्षीय गठबंधन के रूप में देखता है, जिसका उद्देश्य चीन के उत्थान को रोकना है।
- विशेष रूप से, भारतीय संसद में जापानी पीएम शिंजोआबे द्वारा ‘दो सागरों का मिलन’ (Confluence of Two Seas) संबोधन ने क्वाड अवधारणा को एक नया बल दिया है। इसने भारत के आर्थिक उदय को मान्यता प्रदान की है।
स्रोत –द हिन्दू