क्वांटम सूचना के भंडारण समय को बढ़ाने के लिए एक नये तरीके की खोज

क्वांटम सूचना के भंडारण समय को बढ़ाने के लिए एक नये तरीके की खोज

हाल ही में शोधकर्ताओं ने क्वांटम सूचना के भंडारण समय को बढ़ाने के लिए एक नये तरीके की खोज की है।

  • हाल ही में, वैज्ञानिकों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने क्वांटम डॉट स्पिन क्यूबिट्स की क्वांटम सुसंगतता (Coherence) को बनाए रखने में सफलता हासिल की है।
  • क्वांटम नेटवर्क्स के लिए स्पिन – फोटॉन इंटरफेस आधारभूत निर्माण खंड होते हैं । ये स्थैतिक क्वांटम सूचनाओं को प्रकाश (अर्थात् फोटॉन्स) में परिवर्तित करने में सक्षम बनाते हैं।
  • इस प्रकार सूचनाओं को लंबी दूरी तक भेजा जा सकता है। स्थैतिक क्वांटम सूचनाएं स्पिन क्यूबिट के रूप में आयन की क्वांटम अवस्था या ठोस अवस्था में हो सकती हैं ।
  • इस संदर्भ में एक बड़ी चुनौती एक ऐसे इंटरफ़ेस की खोज करने से संबंधित है, जो क्वांटम सूचनाओं को अच्छे तरीके से भंडारित कर सके और कुशलता से प्रकाश या फोटॉन्स में परिवर्तित कर सके।
  • ऑप्टिकल रूप से सक्रिय सेमीकंडक्टर क्वांटम डॉट्स अब तक ज्ञात सबसे कुशल स्पिन – फोटॉन इंटरफ़ेस हैं।
  • हालांकि, उनके भंडारण समय को कुछ माइक्रो सेकंड से बढ़ाना भी भौतिकविदों के लिए दशकों के शोध के बावजूद भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
  • हालिया शोध इसी समस्या का समाधान प्रस्तुत करता है । यह क्वांटम सूचनाओं को 100 माइक्रोसेकंड से अधिक समय तक भंडारित करने का अवसर प्रदान करता है ।
  • क्वांटम डॉट्स (QDs) एक विशेष प्रकार के नैनोक्रिस्टलाइन सेमीकंडक्टर होते हैं। इनके इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल गुण, डॉट्स के आकार एवं बनावट पर निर्भर करते हैं।

इनका उपयोग अग्रलिखित के लिए किया जा सकता है-

  • जैव – चिकित्सा और पर्यावरण के क्षेत्र में;
  • फोटोकंडक्टर व फोटोडिटेक्टर में,
  • लाइट – एमिटिंग डायोड (LED) और डिस्प्ले संबंधी उपयोग के लिए QDs में आदि ।
  • क्वांटम डॉट्स में स्पिन के लिए सुसंगतता समय की लघु अवधी क्वांटम प्रौद्योगिकी के उपयोग के समक्ष सबसे बड़ी बाधा थी ।

क्वांटम सुसंगतता (Quantum coherence)

  • यह क्वांटम अवस्था द्वारा इंटरेक्शन के चरण में अपनी एंटेंगलमेंट और सुपरपोजिशन को बनाए रखने की क्षमता है।
  • यह इस अवधारणा पर आधारित है कि सभी ऑब्जेक्ट्स में तरंग जैसे गुण मौजूद होते हैं।
  • यदि किसी ऑब्जेक्ट की तरंग – जैसी प्रकृति दो भागों में विभाजित हो जाती है और एक ही माध्यम में गति करते हुए दोनों तरंगें आपस में मिलकर एकल अवस्था का निर्माण करती हैं, तो इसे दो अवस्थाओं का सुपरपोजिशन कहते हैं। क्यूबिट, 0 और 1 अवस्थाओं की सुपरपोजिशन है।

स्रोत – द प्रिंट

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