गूगल ने क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है
हाल ही में गूगल ने क्वांटम एरर करेक्शन नामक एक महत्वपूर्ण उप-क्षेत्र में सफलता प्राप्ति का दावा किया है। इससे क्वांटम कंप्यूटिंग और अधिक सटीक बन जाएगी।
- पारंपरिक कंप्यूटरों के तहत 0 या 1 का प्रतिनिधित्व करने वाले बिट्स का उपयोग करके जानकारी संग्रहित की जाती है।
- इसके विपरीत, क्वांटम कंप्यूटर के तहत एक ही समय में 0, 1 या दोनों के रूप में जानकारी को एन्कोड या कूटबद्ध करने के लिए क्वांटम बिट्स या क्वैबिट्स का उपयोग किया जाता है।
- हालांकि, क्यूबिट्स इतने संवेदनशील होते हैं कि कोई विचलित प्रकाश भी इसकी गणना को त्रुटिपूर्ण बना सकता है । क्वांटम कंप्यूटर के विस्तार के साथ यह समस्या और भी बढ़ती जाएगी ।
- गणना में होने वाली इसी त्रुटि के अंतर को समाप्त करने के लिए, गूगल ने क्वांटम एरर करेक्शन तकनीक में सफलता प्राप्ति का दावा किया है।
- क्वांटम एरर करेक्शन “लॉजिकल क्यूबिट्स” बनाने के लिए जानकारी को कई भौतिक क्यूबिट्स में कूटबद्ध करके जानकारी की सुरक्षा करता है। इसमें एकल भौतिक क्यूबिट्स पर निर्भर नहीं रहा जाता है ।
- क्वांटम कंप्यूटिंग,क्वांटम सिद्धांतों के आधार पर कंप्यूटर प्रौद्योगिकी के विकास पर केंद्रित है। यह क्वांटम (परमाणु और उप-परमाणु)स्तर पर ऊर्जा तथा पदार्थ की प्रकृति व व्यवहार की व्याख्या करती है ।
यह क्वांटम भौतिकी के दो प्रमुख सिद्धांतों का उपयोग करती है: सुपरपोजिशन और एंटेंगलमेंट ।
- सुपरपोज़िशन (अधिस्थापन): इसका आशय यह है कि प्रत्येक क्यूबिट एक ही समय में 1 और 0 दोनों का प्रतिनिधित्व कर सकता है।
- एंटेंगलमेंट: इसका अर्थ यह है कि सुपरपोज़िशन में क्यूबिट को एक दूसरे के साथ सहसंबद्ध (correlated) किया जा सकता है, अर्थात एक की स्थिति (चाहे वह 1 हो या 0 हो) दूसरे की स्थिति पर निर्भर हो सकती है।
स्रोत – बिजनेस स्टैण्डर्ड