क्वांटम कंप्यूटर सिम्युलेटर टूलकिट लॉन्च (Quantum Computer Simulator : Q Sim)
हाल ही में, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Meity) द्वारा क्वांटम कंप्यूटर सिम्युलेटर (Quantum Computer Simulator: Q Sim) टूल किट लॉन्च किया गया।
इसका उद्देश्य शोधकर्ताओं और छात्रों को क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में लागत प्रभावी तरीके से अनुसंधान करने में सक्षम बनाना है।
Q Sim प्लेटफॉर्म भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बेंगलुरु, IIT रुड़की और प्रगत संगणन विकास केंद्र (सी-डैक) (Centre for Development of Advanced Computing: C-DAC) के समन्वय से निर्मित किया गया है।
महत्वः
- वैज्ञानिकों को उन क्वांटम प्रभावों का अध्ययन करने की अनुमति प्राप्त होगी, जिनका किसी प्रयोगशाला में अध्ययन करना अन्यथा कठिन होता है।
- क्वांटम एल्गोरिदम को विकसित करने और डी-बगिंग (Debugging) (हार्डवेयर अथवा सॉफ्टवेयर में से त्रुटियों का निराकरण करना) करने में मदद मिलेगी।
- क्वांटम कंप्यूटिंग क्वांट मथ्योरी सिद्धांतों के आधार पर कंप्यूटर प्रौद्योगिकी विकसित करने पर केंद्रित है। ये सिद्धांत प्रौद्योगिकी क्वांटम (परमाण्विक एवं उप परमाण्विक) स्तर पर ऊर्जा तथा पदार्थ की प्रकृति और व्यवहार की व्याख्या करते हैं।
- पारंपरिक कंप्यूटरों की भांति 0 या 1 के द्वारा दर्शाए गए बिट्स का उपयोग करके जानकारी संग्रहीत करने की बजाय, क्वांटम कंप्यूटर एक ही समय में 0, 1 या दोनों के रूप में सूचना को एन्कोड करने के लिए क्वांटम बिट्स या क्यूबिट्स (Q-bits) का उपयोग करते हैं।
- वे क्वांटम भौतिकी के दो प्रमुख सिद्धांतों के अनुसार कार्य करते हैं यथाः सुपरपोजिशन (Superposition) और एंटेंगलमेंट (entanglement)
क्वांटम वर्चस्व की दिशा में भारत द्वारा किए गए उपायः
- भारत सरकार ने राष्ट्रीय क्वांटम प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोग मिशन (National Mission on Quantum Technologies and Applications) के तहत क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए 8,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने भारत में क्वांटम कंप्यूटर्स के निर्माण की आधारशिला रखने हेतु क्वांटम सक्षम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी Quantum Enabled Science& Technology: QUEST कार्यक्रम आरंभ किया है।
Q Sim टूलकिट की विशेषताएं:
सहज ज्ञान युक्त उपयोगकर्ता इंटरफेस (Intuitive user interface-UI): यह क्वांटम प्रोग्राम बनाने, तत्काल सर्किट निर्माण और सिम्युलेटेड आउटपुट पर विचार करने की अनुमति प्रदान करता है।
सिम्युलेटनॉइजी क्वांटमलॉजिक सर्किट: यह क्वांटमसर्किट को शोर के साथ और बिना शोर के अनुकरण करने में मदद करता है। साथ ही, यह परीक्षण भी करता है कि उन विभिन्न एल्गोरिदम अपूर्ण क्वांटम घटकों के साथ ये सर्किट कितने बेहतर तरीके से कार्य करते हैं, जो वास्तविक जीवन की स्थितियों का अनुकरण करने के लिए आवश्यक हैं।
प्री-लोडेड क्वांटम एल्गोरिदमःक्यूसिम क्वांटम प्रोग्राम्स और एल्गोरिदम से संपन्न यह सुविधा उपयोगकर्ताओं को एक शुरुआती मार्ग प्रदान करती है।
उच्च निष्पादन कंप्यूटिंग (High performance computing: HPC) के साथ एकीकृतः इसमें विविध उपयोगकर्ता अलग-अलग क्यूबिट कॉन्फिगरेशन सहित एक साथ कई कार्यों को संपन्न कर सकते हैं।
Source – The Hindu