आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) का विस्तार
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) का विस्तार किया गया।
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित विभिन्न व्यवसायों का समर्थन करने के उद्देश्य से, आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (Emergency Credit Line Guarantee Scheme: ECLGS) की समय-सीमा 31.03.2022 तक बढ़ा दी गई है। दूसरे शब्दों में ECLGS के तहत 4.5 लाख करोड़ रुपये की गारंटियां जारी होने तक इसे विस्तारित करने का निर्णय लिया गया है।
ECLGS को आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था। इसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs), व्यावसायिक उद्यमों, व्यावसायिक प्रयोजनों हेतु व्यक्तिगत ऋण एवं मुद्रा (MUDRA) योजना के उधारकर्ताओं को पूरी तरह से गारंटीकृत तथा संपाविक मुक्त अतिरिक्त ऋण प्रदान करना है।
आरंभ में घोषित कुल उच्चतम सीमा 3 लाख करोड़ रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था।
ECLGS, सदस्य ऋणदाता संस्थानों (बैंकों, वित्तीय संस्थानों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) को राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी NCGTC) द्वारा 100 प्रतिशत गारंटीकवरेज प्रदान करती है। ऋणदाता संस्थानों को यह गारंटी कवरेज पात्र MSMEs को गारंटीकृत आपातकालीन क्रेडिट लाइन पर उपलब्ध करवाया जाता है।
ECLGS के अंतर्गत निम्नलिखित क्षेत्रों को शामिल किया गया है:
ECLGS 1.0: MSME इकाइयाँ, व्यावसायिक उद्यम, माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड (मुद्रा/MUDRA) उधारकर्ता तथा व्यावसायिक उद्देश्य हेतु व्यक्तिगतऋण।
ECLGS 2.0: कामथ समिति द्वारा चिन्हित किए गए 26 दबावग्रस्त क्षेत्र और स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र।
ECLGS 3.0: आतिथ्य, यात्रा एवं पर्यटन, अवकाश और खेल (Leisure – Sporting) तथा नागर विमानन क्षेत्र।
ECLGS 4.0: तरल ऑक्सीजन, ऑक्सीजनसिलेंडर आदि के निर्माण में संलग्न मौजूदा अस्पताल/नर्सिंग होम/क्लीनिक/मेडिकलकॉलेज/इकाइयां।
स्रोत – द हिन्दू