पशुधन क्षेत्र में “क्रेडिट गारंटी योजना” लागू
हाल ही में पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF) के तहत पशुधन क्षेत्र में “क्रेडिट गारंटी योजना” को लागू किया गया है।
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) “क्रेडिट गारंटी योजना” का कार्यान्वयन करेगा ।
इस योजना से ऋण वितरण प्रणाली को मजबूत होगी और पशुधन क्षेत्रक में कार्यरत ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों’ (MSMEs) तक को कोलेटरल सिक्योरिटी के बिना ऋण के सुचारू प्रवाह की सुविधा प्राप्त होगी ।
मुख्य तथ्य
स्कीम को ऑपरेशनल करने के लिए, DAHD ने 750 करोड़ रुपए के एक क्रेडिट गारंटी फंड की स्थापना की है, जो पात्र ऋणदाता संस्थानों द्वारा एमएसएमई को दी जाने वाली ऋण सुविधाओं के 25 प्रतिशत तक का क्रेडिट गारंटी कवरेज प्रदान करेगा।
क्रेडिट गारंटी स्कीम मुख्य रूप से पहली पीढ़ी के उद्यमियों तथा समाज के वंचित वर्ग के लोगों, जिनके पास अपने उद्यमों की सहायता के लिए विपणन योग्य धन का अभाव होता है, को उधारदाताओं से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराते हुए पशुधन क्षेत्र के वंचित और अल्प सेवा प्राप्त सेक्टर के लिए वित्त की सुविधा प्रदान करने में सहायता करती है।
योजना की मुख्य विशेषताएं:
AHIDF स्कीम के तहत 3 प्रतिशत की ब्याज छूट और किसी भी अनुसूचित बैंक और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) से कुल परियोजना लागत के 90 प्रतिशत तक का ऋण दिया जाता है।
योजना का महत्त्व
पशुधन क्षेत्रक में जिन्हें आवश्यकता से कम ऋण मिले हों या बिलकुल ऋण नहीं मिले हों, उन्हें वित्त (ऋण) की सुविधा उपलब्ध हो पाएगी ।
ऋणदाताओं से मुख्य रूप से पहली पीढ़ी के उद्यमियों और समाज के वंचित वर्ग को वित्तीय सहायता उपलब्ध हो पाएगी।
AHIDF पशुपालन अवसंरचना विकास के लिए एक विशेष ऋण सुविधा है।
यह आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत शुरू की गई केंद्रीय क्षेत्रक की एक योजना है।
भारत में पशुधन
यह देश के सकल घरेलू उत्पाद में 4.11 प्रतिशत और कुल कृषि सकल घरेलू उत्पाद में 25.6 प्रतिशत का योगदान देता है।
पशुधन ग्रामीण परिवार को रोजगार प्रदान करता है और फसल के नुकसान होने की स्थिति में बीमा के रूप में कार्य करता है।
स्रोत – पी.आई.बी.