प्रश्न – क्रिप्स प्रस्ताव किस तरह से अगस्त प्रस्ताव से भिन्न था? चर्चा कीजिए। – 9 August 2021
उत्तर –
द्वितीय युद्ध में जर्मनी की तेजी से विजय हो रही थी। युद्ध के कारण ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई थी। ऐसी स्थिति में ब्रिटिश सरकार को भारत के समर्थन की अत्यधिक आवश्यकता थी। अतःब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों को संतुष्ट करने के लिए सर्वप्रथम ‘अगस्त प्रस्ताव’ तत्पश्चात क्रिप्स प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।
क्रिप्स प्रस्ताव और अगस्त प्रस्ताव में अन्तर:
- क्रिप्स प्रस्ताव के अंतर्गत संविधान निर्माण की पूरी जिम्मेदारी भारतीयों को दी गई। इसके विपरीतअगस्त प्रस्तावके अंतर्गत संविधान निर्माण की आंशिक जिम्मेदारी भारतीयों को दी गई।
- क्रिप्स प्रस्ताव के अंतर्गत संविधान सभा की संरचना स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट थी।इसके विपरीतअगस्त प्रस्ताव के अंतर्गत संविधान सभा की संरचना स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट नहीं थी।
- क्रिप्स के अंतर्गत भारत को अधिराज्य का दर्जा प्रस्तावित किया गया था। परन्तु अंतर्राष्ट्रीय निकायों के साथ सम्बन्ध निर्धारित करने की स्वतन्त्रता दी गई थी।इसके विपरीत अगस्त प्रस्ताव के अंतर्गतभारत को केवल अधिराज्य का दर्जा प्रस्तावित किया गया था।
- क्रिप्स के अंतर्गत वायसराय की कार्यकारी परिषद् का तत्काल पुनर्गठन किया गया।पुनर्गठितकार्यकारी परिषद् में रक्षा, विदेश मंत्रालय और गवर्नर जनरल ब्रिटिश होंगे। इसके अतिरिक्त बाकी सारे मंत्रालय भारतीयों के अधीन होंगे।
निष्कर्ष:
कॉग्रेस द्वारा दोनों प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया गया।इन प्रस्तावों की सबसे बुरी बात यह थी कि इसमें अल्पसंख्यकों को जरूरत से ज्यादा महत्त्व प्रदान किया गया जिससे साप्रंदायिकता और देश के विभाजन को बल मिला।