कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए एशियाई शेर
कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए एशियाई शेर
- हाल ही में हैदराबादके नेहरू प्राणी उद्यानमें 8 एशियाई शेर, कोविड-19 संक्रमण से ग्रसित पाए गए हैं ,यह पहली बार है जब भारत में जानवारों में भी इस वायरस के संक्रमण का पता चला है।
एशियाई शेर (Asiatic Lions)
- एशियाई शेर भारत के मूल निवासी हैं, ये पांच पेंथरिनबिल्लियों(Pantherine cats)में से एक हैं। अन्य चार पेंथरिनबिल्लियांभारतीय स्नोलेपर्ड, बंगाल टाइगर, क्लाउडेडलेपर्ड और इंडियन लेपर्ड हैं।
- गिर राष्ट्रीय उद्यान दुनिया में एशियाई शेरों के लिए एकमात्र ज्ञात निवास स्थान है।एशियाई शेरों के लिए बड़ा खतरा प्राकृतिक आपदा और प्लेग जैसी अप्रत्याशित घटनाओं की चपेट में आना है। हालांकि, 2010 के बाद से इन शेरों की आबादी लगातार बढ़ रही है।
एशियाई शेरों की जनगणना
- जून 2020 में, गुजरात वन विभाग ने घोषणा किया कि, गिर वन क्षेत्र में एशियाई शेरों की आबादी 2015 में 523 से बढ़कर 674 हो गई। 2015 में, कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (सीडीवी) के प्रकोप के कारण कई शेरों की मौत हो गई। 2018 में कई अन्य शेरों की मौत बेबेसियोसिस के कारण हुई। बाबियोसिस का प्रकोप 2020 में भी बताया गया था।
- एशियाई शेरों की पहली जनगणना 1936 में जूनागढ़ के नवाब द्वारा की गई थी।
- एशियाई शेर की जनगणना नियमित रूप से प्रति पांच साल में एक बार की जाती है। अंतिम जनगणना 2015 में की गई थी । आगामी जनगणना 2020 में होने वाली थी, लेकिन COVID-19 के कारण स्थगित कर दी गई थी।
एशियाई शेरों की सुरक्षा स्थिति
- इसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I में रखा गया है ,साथ है CITES की परिशिष्ट-I में इसे शामिल किया गया है।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने एशियाई शेरों को संकटग्रस्त श्रेणी में रखा है ।
एशियाई शेर प्रजनन परियोजना (Asiatic Lion Reintroduction Project)
- यह जीवित आबादी की रक्षा के लिए किया गया था। इस परियोजना में पालपुर-कुनो वन्यजीव अभयारण्य (Palpur-Kuno Wildlife Sanctuary) में एशियाई शेरों को फिर से शामिल करने का प्रस्ताव था।
स्रोत – द हिन्दू
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