कोविड प्रभावित क्षेत्रों के लिए कर्ज गारंटी योजना (LGSCAS)
हाल ही में ,केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोविड प्रभावित क्षेत्रों के लिए कर्ज गारंटी योजना (LGSCAS) को स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्य बिंदु
- विश्व के 130 देश अंतर्राष्ट्रीय कराधान नियमों में सुधार के लिए और यह सुनिश्चित करने हेतु कि बहुराष्ट्रीय उद्यम (Multinational Enterprises: MNE) जहां कहीं भी परिचालनरत हों, कर के उचित भाग का भुगतान करें, एक नई द्वि-स्तंभ योजना में शामिल हुए हैं।
- ऐसी कंपनियां अत्यधिक राजस्व उत्पन्न करती हैं, परन्तु बहुत कम करों का भुगतान करती हैं, क्योंकि वे करउद्देश्यों के लिए अत्यल्प या नगण्य कर वाले देशों (टैक्स हेवन) में अपना कार्यालय स्थापित करती है।
- द्वि-स्तंभ योजना का समन्वय आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) द्वारा किया जा रहा है।
- प्रथम स्तंभ, डिजिटल कंपनियों सहित बड़ी MNEs के संबंध में देशों के मध्य लाभ और कर अधिकारोंका उचित वितरण सुनिश्चित करेगा।
- द्वितीय स्तंभ, वैश्विक न्यूनतम निगम कर दर की शुरुआत के माध्यम से कॉर्पोरेट आयकर प्रतिस्पर्धा पर एक न्यूनतम सीमा निर्धारित करने का प्रयास करता है, जिसका उपयोग देश अपने कर आधारों की रक्षा के लिए कर सकते हैं।
- MNEs को अति-निम्न कर दरों और छूटों के साथ आकर्षित करने के लिए देश लंबे समय से प्रतिस्पर्धा करते रहे हैं।
द्वि-स्तंभ योजना का महत्व
- महामारी से निपटने हेतु आवश्यक राजस्व संग्रहण में सरकारों का समर्थन करेगी।
- टैक्स हेवन देशों पर नियंत्रण स्थापित करने में सहायक होगी, क्योंकि यह योजना निम्न कर प्रोत्साहन को प्रभावहीन करती है और MNEs को लाभ को स्थानांतरित करने से हतोत्साहित करती है।
- अंतर्राष्ट्रीय कर प्रणाली का स्थिरीकरण और कर निश्चितता में वृद्धि।
वैश्विक न्यूनतम निगम कर (Global Minimum Corporate Tax) की कार्यप्रणाली
- मान लीजिए, देश A में मुख्यालय वाली कंपनी देश B में आय को रिपोर्ट कर रही है, जहां निगम कर दर 11 प्रतिशत है। 15 प्रतिशत की वैश्विक न्यूनतम दर के लागू होने पर, देश A कर को ‘टॉप अप करेगा और देश B से कंपनी के लाभ का अन्य 4 प्रतिशत एकत्र करेगा, जो कि देश B कीदर और वैश्विक न्यूनतम दर के मध्य अंतर का प्रतिनिधित्व करता है।
स्रोत – द हिन्दू