हाल ही में उत्तर कोरिया द्वारा ‘सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल’ (SLBM) का सफल परीक्षण किया गया है।
विदित हो कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत उत्तर कोरिया पर बैलिस्टिक मिसाइलों और परमाणु हथियारों का परीक्षण न करने संबंधी प्रतिबंध लगाया गया है।
बैलिस्टिक मिसाइल:
- यह एक रॉकेट चालित, स्व-निर्देशित रणनीतिक हथियार प्रणाली है, जो अपने प्रक्षेपण स्थल से पूर्व निर्धारित लक्ष्य तक पेलोड पहुँचाने हेतु एक ‘बैलिस्टिक प्रक्षेपवक्र’ का अनुसरण करती है।
- ‘बैलिस्टिक प्रक्षेपवक्र’ का आशय किसी मिसाइल के प्रक्षेपवक्र से है, जो केवल गुरुत्वाकर्षण और संभवतः वायुमंडलीय घर्षण से प्रभावित होता है।
- यह पारंपरिक उच्च विस्फोटकों के साथ-साथ रासायनिक, जैविक या परमाणु हथियारों को ले जा सकता है।
बैलिस्टिक मिसाइल प्रसार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय आचार संहिता (ICOC):
यह एक राजनीतिक पहल है इसे अब ‘बैलिस्टिक मिसाइल प्रसार के खिलाफ हेग आचार संहिता’ के रूप में जाना जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य विश्व स्तर पर बैलिस्टिक मिसाइल प्रसार को बंद करना है। भारत इस कन्वेंशन का हस्ताक्षरकर्त्ता है।
स्वैच्छिक मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (MTCR):
इसकी स्थापना अप्रैल 1987 में हुई थी, ‘स्वैच्छिक मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था’ (MTCR) का उद्देश्य बैलिस्टिक मिसाइलों और अन्य मानव रहित वितरण प्रणालियों के प्रसार को सीमित करना है जिनका उपयोग रासायनिक, जैविक तथा परमाणु हमलों के लिये किया जा सकता है। भारत भी MTCR का हिस्सा है।
स्रोत – द हिन्दू