सरकार द्वारा यूटिलिटीज से मांग बढ़ने के कारण कम आपूर्ति के बीच कोयले का आयात का सुझाव
हाल ही में सरकार ने उपयोगकर्ताओं को मांग बढ़ने पर कोयले का आयात करने का परामर्श दिया है।
विश्व का पाँचवा सर्वाधिक विशाल कोयला भंडार तथा दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक होने के बावजूद भारत ने उपयोगकर्ताओं से कोयले का आयात करने का सुझाव दिया है। उत्तरदायी कारक यह है कि विद्युत की मांग में वृद्धि के कारण विभिन्न विद्युत संयंत्र ईंधन की कमी के तहत बंद होने की कगार पर हैं।
- केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के आंकड़ों से ज्ञात हुआ है किकोयले से संचालित 135 संयंत्रों में से आधे से अधिक के पास एक सप्ताह से भी कम समय के लिए कोयले की आपूर्ति शेष है।
- कोयले द्वारा उत्पादित विद्युत का भारत के विद्युत उत्पादन में 70% से अधिक का योगदान है।
- कोयला क्षेत्रक के लिए सरकार द्वारा आरंभ की गई पहले निजी क्षेत्र में भारतीय और विदेशी कंपनियों के लिए वाणिज्यिक कोयला खनन की स्वीकृति प्रदान की गई है।
- व्यवसाय करने में सुगमता सुनिश्चित करने के लिए खनिज विधि (संशोधन) विधेयक, 2020 Mineral Laws (Amendment) Act, 2020} प्रस्तुत किया गया है।
- कोयला खान (विशेष उपबंध) अधिनियम (CoalMines (Special Provisions) Act}, 2015 पारदर्शी नीलामी के माध्यम से कोयला खदानों के आवंटन को सक्षम बनाता है।
- आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (Cabinet Committee on Economic Affairs: CCEA) ने एक नई कोयला लिंकेज नीति को स्वीकृति प्रदान की है। इसके तहत व्युत्क्रम नीलामी के माध्यम से विद्युत संयंत्रों कोईंधन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है।
- कोयला गुणवत्ता निगरानी हेतु उत्तम/UTTAM (पारदर्शितालाने के लिए खनन से प्राप्त कोयले का तीसरे पक्ष द्वारा मूल्यांकन) एप्लीकेशनलांच की गई है।
भारत में कोयला क्षेत्र के समक्ष चुनौतियां
- भूमि, पर्यावरण और वन संबंधी स्वीकति में विलंब ।
- परिचालन और रखरखाव की उच्च लागत।
- भारतीय कोयले की गुणवत्ता ऐसी है कि इसमें सिलिका और एलुमिना (स्फटिक मृदा) की अधिक मात्रा होती है।
स्रोत – द हिन्दू