कोयला विद्युत संयंत्रों के द्वारा उत्सर्जन मानकों की अनदेखी

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कोयला विद्युत संयंत्रों के द्वारा उत्सर्जन मानकों की अनदेखी

हाल ही में जारी सेंटर फॉरसाइंसएंडएनवायरनमेंट (CSE) के एक विश्लेषण के अनुसार महाराष्ट्र और तमिलनाडु भी उन कोयला विद्युत संयंत्रों वाले 5 भारतीय राज्यों में शामिल हैं, जो उत्सर्जन मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं ।

इससे पहले पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों (TPPs) की सूची जारी की थी। साथ ही, अपनी पूर्व अधिसूचना के अनुरूप वर्गीकरण भी किया था।

अप्रैल 2021 में, मंत्रालय ने वर्ष 2015 की अधिसूचना में संशोधन किया था। इसके तहत कोयला आधारित TPP को तीन श्रेणियों में रखा गया था ।

CSE के विश्लेषण में पाया गया है कि श्रेणी A में 61%, श्रेणी B में 35% और श्रेणी में 32% कोयला ताप विद्युत क्षमता, वर्ष 2022 के लिए निर्धारित समय सीमा कापालन नहीं कर पाएंगी।

वर्ष 2015 में, मंत्रालय ने कोयला आधारित TPPs के लिए कणिकीय पदार्थ (PM), सल्फर ऑक्साइड, नाइट्रोजनऑक्साइड व पारा उत्सर्जन तथा जल-उपभोग के लिए पर्यावरणीय मानदंडों को अधिसूचित किया था।

कोयला आधारित TPPsपरिवेशी वायु में आधे से अधिक सल्फर डाइऑक्साइड की सांद्रता, 30% नाइट्रोजनऑक्साइड व 20% PM के लिए उत्तरदायी हैं।

प्रारंभ में कार्यान्वयन की समय सीमा वर्ष 2017 थी। इसे वर्ष 2022 तक बढ़ा दिया गया था।

मानदंडों के अनुपालन के लिए मौजूदा TPPs को उत्सर्जन को नियंत्रित करने हेतु सहायक तकनीकी क्रियाओं के साथ अनुरूपांतरण (retrofitting) की भी आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए फ्लूगैसडिसल्फराइजेशन, चयनात्मक उत्प्रेरक कटौती (Selective Catalytic Reduction: SCR) आदि।

फ्लूगैसडिसल्फराइजेशन (FGD), जीवाश्म ईंधन आधारित विद्युत संयंत्रों से निकलने वाली फ्लूगैसों से और अन्य सल्फर डाइऑक्साइड-उत्सर्जकप्रक्रियाओं से उत्सर्जितSO2 को हटाने के लिए उपयोग की जाने वाली तकनीक है।

कोयला आधारित TPP को तीन श्रेणियाँ

श्रेणी –A

 मानदंड:  राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के 10 किलोमीटर के भीतर और 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में स्थित हैं।

समय सीमा और कार्यवाही वर्ष :  2022 के अंत तक

श्रेणी -B

मानदंड: लक्ष्य की गैर-प्राप्ति वाले शहरों में (जो राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं) और जो गंभीर रूप से प्रदूषित क्षेत्रों के 10 किलोमीटर के दायरे अंतर्गत हैं।

समय सीमा और कार्यवाही वर्ष : वर्ष 2023 तक FOD मानदंडों का पालन करना

श्रेणी-C

मानदंड: शेष संयंत्र

समय सीमा और कार्रवाई : वर्ष 2024 तक सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजनऑक्साइड नियंत्रण उपकरण स्थापित करना।

स्रोत –द हिन्दू

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