कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के लिए क्षेत्र चुनने के लिए कंपनियों का अधिकार

कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के लिए क्षेत्र चुनने के लिए कंपनियों का अधिकार

हाल ही में वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया है कि सरकार यह आदेश नहीं दे सकती कि कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) निधि को कहां खर्च किया जाए ।

वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया है कि CSR कंपनियों के बोर्ड स्तर के निर्णय होते हैं। इस तरह कंपनियां स्थानीय प्राथमिकताओं से परिचित होती हैं और वे उन्हीं के अनुरूप निर्णय ले सकती हैं।

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (MCA) के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021 में, 17,000 से अधिक व्यवसायों ने CSR के तहत लगभग 25,000 करोड़ रुपये खर्च किए।

Right to companies to choose areas for Corporate Social Responsibility (CSR)

साथ ही, 9,374 कंपनियों ने निर्धारित राशि से अधिक खर्च किए हैं।

CSR के तहत खर्च में जो बढ़ोतरी देखी गई है, उसमें वर्ष 2021 में CSR से संबंधित प्रावधानों में संशोधनों की बड़ी भूमिका रही है।

इन संशोधनों में निम्नलिखित शामिल हैं:

CSR से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं के प्रभाव का आकलन, CSR फंड के उपयोग में अधिक छूट आदि।

कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के बारे में

  • यह व्यवसायों द्वारा अपने व्यावसायिक कार्यों में सामाजिक और पर्यावरणीय चिंताओं को शामिल करने की प्रतिबद्धता है।
  • इसके तहत कुछ शर्तों को पूरी करने वाली कंपनियों को अपने औसत निवल लाभ का 2% CSR गतिविधियों पर व्यय करना होता है।

निम्नलिखित कंपनियों के लिए CSR व्यय अनिवार्य किया गया है:

जिनका किसी वित्तीय वर्ष के दौरान निवल मूल्य 500 करोड़ रुपये या उससे अधिक हो, या जिनका टर्नओवर 1,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक हो या जिन्हें लगातार पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान 5 करोड़ रुपये या अधिक का शुद्ध लाभ हुआ हो।

सरकार MCA-21 पोर्टल पर दिए गए विवरण के माध्यम से CSR अनुपालन की निगरानी करती है। CSR नियमों का अनुपालन नहीं किए जाने को एक सिविल मामला माना जाता है।

विशेष : CSR व्यय के लिए करों पर कोई विशेष छूट नहीं दी गई है।

निम्नलिखित कोष में योगदान को CSR व्यय माना जाता है:

  • स्वच्छ भारत कोष,
  • स्वच्छ गंगा कोष,
  • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष (PMNRF)
  • पीएम केयर्स आदि।

अन्य संबंधित सुर्खियां :

  • कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि हर घर तिरंगा अभियान के लिए धन खर्च करने को CSR गतिविधि माना जाएगा।
  • हर घर तिरंगा अभियान का उद्देश्य लोगों को तिरंगा घर पर लगाने और भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के अवसर पर इसे फहराने के लिए प्रोत्साहित करना है।

स्रोत –द हिन्दू

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