कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (Cor-AuNPs)
हाल ही में बोडोलैंड विश्वविद्यालय सहित चार भारतीय संस्थानों के वैज्ञानिकों ने कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (Cor-AuNPs) विकसित किये हैं।
इसे मानव शरीर में दवा वितरण को तेज और सुनिश्चित करने के लिए विकसित किया गया है। इन नैनोकणों को जर्मनी से अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त हुआ है।
कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स :
- इन नैनोकणों को कॉर्डिसेप्स मिलिटरिस (एक उच्च मूल्य परजीवी कवक) के अर्क (extract) और गोल्ड साल्ट्स के संश्लेषण से प्राप्त किया गया है।
- कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस, बोडोलैंड विश्वविद्यालय में जैव प्रौद्योगिकी विभाग के टेक्नोलॉजी इन्क्यूबेशन सेंटर’ (TIC) की प्रयोगशाला में विकसित किया गया मूल्यवान परजीवी कवक है।
- कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस को सुपर मशरूम कहा जाता है क्योंकि इसके बेहतर औषधीय गुणों के कारण बेहतर प्रवेश के लिये गोल्ड नैनोकणों के संश्लेषण में बायोएक्टिव घटक जुड़ते हैं। जबकि जंगली कॉर्डिसेप्स मशरूम, पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में पाए जाते हैं।
- गोल्ड साल्ट, आमतौर पर दवा में इस्तेमाल होने वाले सोने के आयनिक रासायनिक यौगिक होते हैं।
- जैव संश्लेषित नैनोगोल्ड कण चिकित्सीय दवाओं के विकास में नैनोकणों के नए अनुप्रयोग का संकेत देते हैं जिन्हें मलहम, टैबलेट, कैप्सूल और अन्य रूपों में वितरित किया जा सकता है।
स्रोत – द हिन्दू