केन – बेतवा लिंक परियोजना
हाल ही में केंद्र सरकार ने केन-बेतवा लिंक परियोजना प्राधिकरण (KBLPA) का गठन किया है।
- केंद्र सरकार ने केन और बेतवा नदियों को आपस में जोड़ने के लिए KBLPA तथा एक राष्ट्रीय संचालन समिति का गठन किया है।
- KBLPA का गठन राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी के अंग के रूप में किया गया है। इसमें पर्यावरण, विद्युत और जनजातीय मामलों के मंत्रालयों के सचिव शामिल होंगे। परियोजना के लिए सभी केंद्रीय निधियां, KBLPA के माध्यम से भेजी जाएंगी।
राष्ट्रीय संचालन समिति के बारे में:
इसकी अध्यक्षता जल शक्ति मंत्रालय के सचिव करेंगे।
राष्ट्रीय संचालन समिति के कार्यः
- यह KBLPA के लिए मूल प्रशासनिक नीतियों, उपनियमों और मानदंडों को मंजूरी प्रदान करेगी।
- यह वार्षिक बजट और वित्तीय विवरणों का अनुमोदन/जांच करेगी।
- यह कार्यान्वयन के स्तर पर परिचालन से जुड़े किसी भी मुद्दे को हल करेगी।
- इसकी वर्ष में कम से कम दो बार बैठक होनी चाहिए। इसमें कुल सदस्यों का 2/3 का कोरम (गणपूर्ति) होगा।
केन–बेतवा लिंक परियोजना (KBLP) के बारे में:
- इस परियोजना के तहत केन नदी का जल बेतवा नदी में स्थानांतरित किया जाएगा।
- इसका उद्देश्य बुंदेलखंड के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में जल की बारहमासी कमी को दूर करना है। यह क्षेत्र मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में फैला हुआ है।
परियोजना से जुड़ी चिंताएं:
केन नदी पर बनने वाले दोधन बांध से पन्ना टाइगर रिजर्व के कुल क्षेत्र का लगभग 7.6% भाग जलमग्न हो जाएगा।
केन–बेतवा लिंक परियोजना
- केन-बेतवा लिंक परियोजना (KBLP), नदियों को आपस में जोड़ने की राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना National Perspective Plan: NPP) के तहत पहली परियोजना है। इसे “राष्ट्रीय परियोजना” माना गया है।
- दमनगंगा-पिंजाल, पार-तापी-नर्मदा, गोदावरी कृष्णा, कृष्णा-पेन्नार और पेन्नार-कावेरी नाम की पांच अन्य नदी जोड़ो परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) के प्रारूप को भी अंतिम रूप दे दिया गया है।
स्रोत –द हिन्दू