केन-बेतवा लिंक परियोजना की संचालन समिति की बैठक नई दिल्ली में आयोजित

केन-बेतवा लिंक परियोजना की संचालन समिति की बैठक नई दिल्ली में आयोजित

हाल ही में केन-बेतवा लिंक परियोजना की संचालन समिति (Steering Committee of Ken-Betwa Link Project: SC-KBLP) की तीसरी बैठक विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित की गई।

बैठक की अध्यक्षता जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के सचिव ने की है।

बैठक में मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश राज्यों के प्रतिनिधियों और विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों तथा नीति आयोग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

केन-बेतवा लिंक परियोजना जल संरक्षण और बुंदेलखंड क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण है।

यह केंद्र और राज्य की प्रमुख परियोजना है। इस बात पर बल दिया गया कि परियोजना से प्रभावित लोगों और क्षेत्र के संरक्षण का पूरा ध्यान रखना है, खासतौर से पन्ना बाघ अभयारण्य के भू-भाग पर निर्भर प्रजातियों का।

मध्य प्रदेश के दो वन्यजीव अभ्यारण्यों नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य और रानी दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य तथा उत्तर प्रदेश के रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य को प्रोजेक्ट टाइगर (PTR) के तहत लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा मंजूरी दी गयी है।

समिति को अवगत कराया गया कि मध्यप्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिलों की लगभग 5480 हेक्टेयर गैर-वन सरकारी जमीन को हस्तांतरित करने के आदेश दिये जा चुके हैं।

यह हस्तांतरण PTR को किया गया है, ताकि वहां वनीकरण किया जाये । परियोजना के भू-भाग प्रबंधन योजना (Landscape Management Plan : LMP) और पर्यावरण प्रबंधन योजना (Environment Management Plan: EMP) के क्रियान्वयन के लिये एक वृहद पन्ना भू-भाग परिषद (Greater Panna Landscape council) का भी गठन किया जा रहा है।

केन-बेतवा लिंक परियोजना

केन-बेतवा लिंक परियोजना हेतु मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश व भारत सरकार के बीच वर्ष 2005 में समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे।

राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना के तहत केन-बेतवा लिंक देश की पहली राष्ट्रीय परियोजना है।

दौधन बांध से लगभग 221 किमी लंबी केन-बेतवा लिंक नहर निकलेगी। झांसी में बरूआसागर के पास बेतवा नदी से जोड़ दिया जाएगा।

लाभ

इससे केन, बेतवा एवं इनकी सहायक नदियों पर बांधों का निर्माण कर जल संग्रहित होगा। बुंदेलखंड क्षेत्र की जनता को सिंचाई व पेयजल की सुविधा मिलेगी।

केन-बेतवा संपर्क परियोजना परियोजना से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के सूखा प्रवण क्षेत्रों को लाभ पहुंचेगा।

इस परियोजना के तहत 176 किलोमीटर की लिंक कनाल का निर्माण किया जाएगा, जिससे केन और बेतवा नदी को जोड़ा जा सके। सरकार का दावा है कि इससे बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की समस्या दूर हो जाएगी।

इस परियोजना के चलते 62 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा साथ ही मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के करीब 10.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई के लिए पानी की जरुरत को पूरा किया जा सकेगा।

चुनौतियाँ

एक नए अध्ययन में कहा गया है कि केन-बेतवा रिवर इंटरलिंकिंग (केबीआरआईएल) परियोजना से मध्य प्रदेश में पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो जाएगा, जिससे बाघ और इसकी प्रमुख शिकार प्रजातियों जैसे चीतल और सांभर को बड़ा नुकसान होगा ।

स्रोत – पी.आई.बी.

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