भारत में कृषि-प्रौद्योगिकी (एग्री – टेक) नवाचार
हाल ही में नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन (AIM) तथा संयुक्त राष्ट्र पूंजी विकास कोष (UNCDF) ने भारत में कृषि-प्रौद्योगिकी (एग्री – टेक) नवाचार के लिए एक श्वेत-पत्र जारी किया है।
कुछ समय पहले UNCDF ने AIM, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और अन्य संगठनों के साथ मिलकर एक इनोवेशन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था ।
इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य नवाचारों, अंतर्दृष्टियों और निवेश के सीमा पार आदान-प्रदान को सक्षम करना है।
इस प्लेटफॉर्म की प्रथम पहल एग्री-टेक चैलेंज है । इसी चैलेंज के तहत यह श्वेत-पत्र जारी किया गया है।
एग्रीटेक, कृषि प्रक्रियाओं की दक्षता और उत्पादन में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी तथा तकनीकी नवाचारों का उपयोग है।
भारतीय एग्री-टेक बाजार की क्षमता का 2025 तक 24 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इसमें से अभी तक केवल 1% से भी कम को प्राप्त किया गया है ।
एग्री-टेक स्टार्टअप्स के समक्ष चुनौतियां –
- बुनियादी ढांचे और उपकरणों की उच्च लागत कृषि-प्रौद्योगिकी समाधानों के विस्तार में एक बड़ी बाधा है।
- डिजिटल साक्षरता का अभाव है।
- ग्राहकों तक पहुंचने की लागत काफी अधिक है।
- खेती और किसानों से संबंधित डेटा सेट अपर्याप्त हैं।
रिपोर्ट में की गई प्रमुख सिफारिशें –
- किसान, भूमि रिकॉर्ड, वित्तीय स्थिति, मौसम रिपोर्ट, मौसम विज्ञान संबंधी डेटा आदि के बारे में उपलब्ध सार्वजनिक डेटा तक सुगम पहुंच सुनिश्चित की जानी चाहिए ।
- पूरी प्रक्रिया को डिजिटाइज़ करके एग्री-टेक स्टार्ट-अप्स के लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जानी चाहिए ।
- स्थानीय कृषि – संबंधित बुनियादी ढांचे के निर्माण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए । यह कार्य प्रोत्साहनों और औपचारिक वित्तीय संस्थानों से वित्त – पोषण प्रदान करके किया जाना चाहिए ।
- कृषि आधारित स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने के लिए राज्य विशिष्ट एग्री-टेक नीति अपनाई जानी चाहिए ।
UNCDF के बारे में
- यह दुनिया के अल्प विकसित देशों (LDCs) के लिए संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख उत्प्रेरक वित्त पोषण संस्था है।
- यह एक स्वायत्त व स्वैच्छिक रूप से वित्त पोषित संयुक्त राष्ट्र संगठन है । यह संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम से संबद्ध संस्था है।
- इसका गठन 1966 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने किया था ।
स्रोत – पी.आई.बी.