कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (KNPP)
हाल ही में रूस ने कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (KNPP) के लिए भारत को और अधिक कुशल परमाणु ईंधन की आपूर्ति की है।
रूस ने KNPP इकाइयों के लिए TVS-2M परमाणु ईंधन की पहली खेप की आपूर्ति की है। यह अधिक विश्वसनीय और लागत प्रभावी परमाणु ईंधन है।
रूस वर्ष 1988 के एक अंतर-सरकारी समझौते (IGA) के तहत KNPP का निर्माण कर रहा है। बाद में वर्ष 1998 और 2008 में भी अनुवर्ती समझौते किये गए थे।
परमाणु संयंत्र में परमाणु श्रृंखला अभिक्रिया को जारी रखने के लिए परमाणु ईंधन का उपयोग किया जाता है। सबसे आम परमाणु ईंधन हैं: रेडियोधर्मी धातु यूरेनियम-235 और प्लूटोनियम-239
TVS-2M ईंधन के लाभः यूरेनियम की क्षमता को बढ़ाता है, इसका मलबा रोधी फिल्टर ईंधन बंडल को मलबे से होने वाले नुकसान से बचाता है आदि।
भारत ने तीन-चरणों वाला महत्वाकांक्षी परमाणु कार्यक्रम तैयार किया है। वर्तमान में दूसरे चरण (फास्ट ब्रीडर रिएक्टर) का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
तीन चरणों वाला परमाणु कार्यक्रम-
चरण-1
- दाबित भारी जल रिएक्टरों (PHWRs) को ईंधन प्रदान करने के लिए प्राकृतिक यूरेनियम का उपयोग किया जाता है। इसका उपोत्पाद प्लूटोनियम-239 (Pu-239) है।
- मंदक और शीतलक के रूप में भारी जल का इस्तेमाल किया जाता है।
- भारत ने इस तकनीक में पूर्ण आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है और यह औद्योगिक क्षेत्र में उपयोग में है।
चरण-2: फास्ट ब्रीडर
- पहले चरण से प्राप्त Pu-239 को फास्ट ब्रीडर रिएक्टर में मुख्य ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है।
- उपभोग से अधिक परमाणु ईंधन उत्पन्न करने के लिए तीव्र न्यूट्रॉन का उपयोग होता है।
- इसे FBR इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह मंदक का उपयोग नहीं करता है। इसमें शीतलक के रूप में तरल सोडियम का उपयोग किया जाता है।
- इस चरण में यूरेनियम-233 का भी निर्माण होता है।
चरण- 3 (थोरियम आधारित रिएक्टर)
- यह थोरियम आधारित रिएक्टर है। भारत के थोरियम भंडार का उपयोग ईंधन भरने के लिए किया जा सकता है। रिएक्टर के भीतर थोरियम को यूरेनियम (U)-233 में परिवर्तित किया जाता है।
- दूसरे चरण से प्राप्त U-233 को ईंधन के रूप में उपयोग किया जाएगा।
स्रोत –द हिन्दू