‘कुई भाषा’ को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

‘कुई भाषा’ को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

हाल ही में ओडिशा मंत्रिमंडल ने संविधान की 8वीं अनुसूची में ‘कुई भाषा’ को शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

कुई भाषा द्रविड़ भाषा परिवार से संबंधित है। यह मुख्य रूप से कोंध / कंध नामक ओडिशा की सबसे बड़ी जनजाति के लोगों द्वारा बोली जाती है।

इस भाषा में उड़िया लिपि का उपयोग होता है। खोंडी और गुम्साई इसकी उपभाषाएं हैं ।

भारतीय संविधान की अनुसूची 8:

इसमें देश की आधिकारिक भाषाओं को सूचीबद्ध किया गया है। वर्तमान में, इसमें 22 भाषाएं शामिल हैं।

मूल संविधान में 14 भाषाएं सूचीबद्ध थीं और बाकी भाषाओं को बाद में जोड़ा गया है।

सिंधी भाषा को 1967 में और कोंकणी, मणिपुरी एवं नेपाली को 1992 में इस सूची में शामिल किया गया था।

साथ ही, 2003 के 92वें संशोधन अधिनियम के माध्यम से इसमें संथाली, डोगरी, मैथिली तथा बोडो भाषाओं को जोड़ा गया था ।

नई भाषा का समावेश:

वर्तमान में किसी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए विचार करने हेतु कोई निश्चित मानदंड नहीं है।

हालांकि, एक निश्चित मानदंड विकसित करने के लिए सरकार ने पाहवा (1996) और सीताकांत महापात्र (2003) समितियों का गठन किया गया था। लेकिन ये संबंधित मानदंड विकसित करने में सफल नहीं हो सकी ।

किसी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल होने से प्राप्त होने वाले लाभ

भाषा के विकास के लिए सरकार से सहयोग प्राप्त होता है।

साहित्य अकादमी से मान्यता मिलती है। साथ ही, इस भाषा की पुस्तकों का व्यापक स्तर पर अनुवाद किया जाता है ।

राज्य विधानसभा और संसद में बहस के दौरान इसका उपयोग किया जा सकता है।

अखिल भारतीय प्रतियोगी परीक्षाओं में इसका उपयोग किया जा सकता है।

RBI द्वारा भारतीय नोटों पर अंकित भाषाओं में इसे भी शामिल कर लिया जाता है।

स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस

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