कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए ड्रोन का उपयोग करने संबंधी दिशा-निर्देश
हाल ही में केंद्र ने कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए ड्रोन का उपयोग करने संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए है।
इस कदम से खतरनाक रसायनों के संपर्क में आने के जोखिम को कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही, फसलों में इन कीटनाशकों का विवेकपूर्ण उपयोग भी सुनिश्चित होगा।
प्रमुख दिशा-निर्देश
- ऑपरेटरों को किसी भी परिचालन से पूर्व नागर विमानन महानिदेशालय से एक विशिष्ट पहचान संख्या और मानव रहित विमान ऑपरेटर परमिट प्राप्त करने की आवश्यकता होगी।
- परिचालन से पहले स्थानीय अधिकारियों को सूचित करना होगा। इसके अतिरिक्त, सभी सुरक्षा सावधानियों (किसी जल निकाय के पास छिड़काव नहीं करना, लक्षित और गैर-लक्षित क्षेत्र के बीच बफर जोन बनाए रखना, जनता को पूर्व सूचना देना आदि) का पालन करना होगा।
- खेती में ड्रोन की भूमिका में मृदा और क्षेत्र नियोजन, फसल निगरानी, खरपतवार, कीट एवं बीमारियों से फसल सुरक्षा, सटीक फसल छिड़काव, सिंचाई प्रबंधन, टिड्डी नियंत्रण,प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत सुदूर संवेदी डेटा संग्रह के लिए उपयोग आदि शामिल हैं।
ड्रोन का उपयोग करने के लाभः
कार्यबल की आवश्यकता को कम करना, अनुप्रयोग के समय को न्यून करना, जल का अल्प उपयोग करना, रसायनों की मात्रा कम करना, दक्षता और सटीकता में वृद्धि करना आदि।
चुनौतियां
ड्रोन संचालन की निगरानी के लिए विनियामक ढांचा अब भी तैयार किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, सीमित उड़ान समय और सीमा, लघु कृषि जोत आदि अन्य समस्याएं हैं।
स्रोत – द हिन्दू