किलोनोवा के साथ गामा रे बर्स्ट (GRB)
- हाल ही में खगोलविदों ने एक किलोनोवा उत्सर्जन के साथ संयुग्मित (twinned) लॉन्ग ,गामा किरण प्रस्फोट / गामा रे बर्स्ट (GRB) उत्सर्जित करने वाले बाइनरी मर्जर की घटना को दर्ज किया है।
- यह अपनी तरह की पहली खोज है। इसकी वैज्ञानिक रूप से स्वीकृत या पुष्टि भारत के सबसे बड़े ऑप्टिकल टेलीस्कोप, देवस्थल ऑप्टिकल टेलीस्कोप (DOT) द्वारा भी की गई थी।
- परंपरागत रूप से किलोनोवा शॉर्ट GRB से जुड़ा होता है। यह तब उत्सर्जित होता है, जब दो सघन पिंड जैसे बाइनरी न्यूट्रॉन तारा या एक न्यूट्रॉन तारा और एक ब्लैक होल आपस में टकराते हैं।
गामा किरण प्रस्फोट (Gamma-Ray Bursts– GRB)
- गामा किरण प्रस्फोट (GRB) ऊर्जावान ब्रह्मांडीय विस्फोटों से उत्पन्न चमकयुक्त उच्च – ऊर्जा युक्त विकिरण हैं। GRB को दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
- ये ब्रह्मांड की सबसे शक्तिशाली घटनाएँ हैं, जिनकी पहचान अरबों प्रकाश-वर्ष की दूरी से भी की जा सकती है।
लॉन्ग GRBs: ये विखंडित हो रहे विशाल तारों के केंद्रों में ब्लैक होल्स के निर्माण से उत्पन्न होते हैं। वे 2 सेकंड या उससे अधिक समय के लिए प्रस्फुटित ( burst) होते हैं ।
- जब सूर्य से बहुत अधिक विशाल तारे का ईंधन समाप्त हो जाता है, तो उसका केंद्रीय भाग (कोर) अचानक ढह जाता है और एक कृष्ण विवर (ब्लैक होल) बन जाता है।
- ब्लैक होल्स अंतरिक्ष में उपस्थित ऐसे छिद्र हैं जहाँ गुरुत्व बल इतना अधिक होता है कि यहाँ से प्रकाश का पारगमन नहीं होता।
शॉर्ट GRBs: ये न्यूट्रॉन तारों जैसे सघन पिंडों के विलय के कारण उत्पन्न होते हैं। इनका समय 2 सेकंड से भी कम होता है। एक न्यूट्रॉन तारा उच्च द्रव्यमान वाले सितारों के संभावित विकासवादी चरण में अंतिम होता है।
स्रोत – द हिन्दू