किंग हमद बिन ईसा अल–खलीफा पुरस्कार
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान पीएम ई-विद्या नामक पहल को आईसीटी का उपयोग करने के लिये यूनेस्को की मान्यता प्रदान की गई है।
- 17 मई, 2020 को शिक्षा मंत्रालय द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्से के रूप में पीएम ई-विद्या की शुरुआत की गई थी, जो डिजिटल/ऑनलाइन/ऑन-एयर शिक्षा से संबंधित सभी प्रयासों को एकीकृत करता है ताकि बच्चों को प्रौद्योगिकी का उपयोग करके शिक्षा प्रदान करने और सीखने के नुकसान को कम करने के लिये मल्टी-मोड एक्सेस को सक्षम किया जा सके।
- केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (CIET), स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DOSEL), शिक्षा मंत्रालय (MOE), भारत सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की एक घटक इकाई को यूनेस्को के वर्ष 2021 के लिये शिक्षा में आईसीटी के उपयोग के लिये ‘किंग हमद बिन ईसा अल-खलीफा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- यह पुरस्कार “सतत् विकास के लिये वर्ष-2030 एजेंडा” और शिक्षा पर इसके लक्ष्य-4 के अनुरूप, सभी के लिये शैक्षिक और आजीवन सीखने के अवसरों का विस्तार करने के लिये नई तकनीकों का लाभ उठाने में नवीन दृष्टिकोणों को मान्यता प्रदान करता है।
- बहरीन साम्राज्य के समर्थन से वर्ष 2005 में स्थापित यह पुरस्कार उन व्यक्तियों और संगठनों को पुरस्कृत करता है जो उत्कृष्ट परियोजनाओं को लागू कर रहे हैं और डिजिटल युग में सीखने, शिक्षण और समग्र शैक्षिक प्रदर्शन को बढ़ाने के लिये प्रौद्योगिकियों के रचनात्मक उपयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।
- एक अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक मंडल प्रति वर्ष दो सर्वश्रेष्ठ परियोजनाओं का चयन करती है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को यूनेस्को मुख्यालय, पेरिस में एक समारोह के दौरान 25,000 अमेरिकी डॉलर, एक पदक और एक डिप्लोमा प्रदान किया जाता है, यह समारोह इस वर्ष 24 जून, 2022 को आयोजित किया जाएगा।।
स्रोत -द हिन्दू