कावेरी नदी जल विवाद

कावेरी नदी जल विवाद

हाल ही में तमिलनाडु ने कर्नाटक द्वारा कावेरी नदी से तुरंत जल छोड़ने की मनाही पर सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली है। केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और पुदुचेरी के बीच कावेरी जल बंटवारे का विवाद 1924 के एक समझौते से चला आ रहा है।

समझौते के अनुसार, तमिलनाडु और पुदुचेरी को अधिशेष जल का 75 प्रतिशत प्राप्त होगा, तथा कर्नाटक को 23 प्रतिशत और शेष केरल को मिलेगा । वर्ष 1974 में, कर्नाटक ने यह असंतोष प्रकट किया था कि समझौते ने कावेरी नदी बेसिन में कृषि गतिविधियों को विकसित करने की उसकी क्षमता को सीमित कर दिया है। इसके बाद उसने कावेरी नदी पर जलाशयों का निर्माण करना शुरू कर दिया था ।

कर्नाटक के इस कदम ने तमिलनाडु (कावेरी जल पर निर्भर) के लिए विशेष रूप से डेल्टा क्षेत्र में फैली कृषि भूमि के समक्ष चुनौती पैदा कर दी । वर्ष 1990 में, कावेरी जल विवाद अधिकरण (CWDT) का गठन किया गया था । इसने 2007 में अपना अंतिम निर्णय दिया था ।

वर्ष 2018 के सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले के अनुसार कर्नाटक को कावेरी नदी का 284.75 हजार मिलियन क्यूबिक फीट ( tmcft) जल मिलेगा तथा तमिलनाडु को 404.25 tmcft, केरल को 30 tmcft और पुडुचेरी को 7 tmcft जल मिलेगा ।

जल से संबंधित संवैधानिक प्रावधान:

  • राज्य सूची: प्रविष्टि 17 ( जल आपूर्ति, सिंचाई और नहरें, जल अपवाह आदि) ।
  • संघ सूची: प्रविष्टि 56 (अंतर्राज्यीय नदियों और नदी घाटियों का विनियमन एवं विकास) ।
  • अनुच्छेद 262: अंतर्राज्यीय नदियों के जल से संबंधित विवादों का न्याय निर्णयन ।
  • संसद ने अनुच्छेद 262 द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए अंतर-राज्य जल विवाद अधिनियम, 1956 पारित किया है।

कावेरी नदी

  • यह कर्नाटक में पश्चिमी घाट की ब्रह्मगिरी पहाड़ियों में स्थित तला कावेरी से निकलती है । इसे प्रायः दक्षिण की गंगा भी कहा जाता है ।
  • सहायक नदियां: हरंगी, हेमवती, काबिनी, शिमशा, अर्कावती, अमरावती आदि ।

स्रोत – द हिन्दू

Download Our App

More Current Affairs

Share with Your Friends

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

Related Articles

Youth Destination Facilities

Enroll Now For UPSC Course