अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने कार्यस्थलों पर तनाव से निपटने के लिए दिशा-निर्देश दिए

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने कार्यस्थलों पर तनाव से निपटने के लिए दिशानिर्देश दिए

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने कार्यस्थलों पर तनाव से निपटने के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं।

WHO के अनुसार, कार्य और मानसिक स्वास्थ्य का आपस में गहरा संबंध है।

किसी कार्यस्थल का सुरक्षित और स्वस्थ परिवेश मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखता है। वहीं अच्छा मानसिक स्वास्थ्य लोगों की कार्य उत्पादकता बढ़ाने में मदद करता है।

माना जाता है कि अवसाद और चिंता के कारण प्रतिवर्ष 12 अरब कार्यदिवसों का नुकसान होता है। इस वजह से विश्व अर्थव्यवस्था को लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर की हानि होती है।

रिपोर्ट में दिए गए प्रमुख सुझाव

  • मनोसामाजिक जोखिम प्रबंधन के माध्यम से कार्य संबंधी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को रोका जाना चाहिए।
  • कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा करने और उसे बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए। विशेष रूप से प्रशिक्षण और उपायों के माध्यम से, जो मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता में सुधार करेंगे।
  • कार्य में पूरी तरह और समान रूप से भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य की समस्या वाले कर्मचारियों की सहायता करनी चाहिए।
  • कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए परस्पर संबद्ध कामकाज के साथ एक अनुकूल परिवेश का निर्माण करना चाहिए।

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO)

  • अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organization) की स्थापना प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चात राष्ट्र संघ (लीग ऑफ नेशंस) की एक विशिष्ट एजेंसी के रूप में वर्ष 1919 में की गई थी।
  • यह एजेंसी अंतर्राष्ट्रीय आधार पर मजदूरों तथा श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए नियम बनाता है, श्रम संबंधी समस्याओं को देखता है तथा सभी के लिए कार्य के अवसर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर देशों के बीच सहमति बनाने का प्रयास करता है।
  • वर्तमान में इसके सदस्य देशों की संख्या 187 है जिसमें Cook’s Island ऐसा सदस्य है जो संयुक्त राष्ट्र का सदस्य नहीं है।
  • इसका सचिवालय/मुख्यालय स्विटज़लैण्ड के जिनेवा में है।
  • विभिन्न वर्गों के बीच शांति स्थापित करने के लिए, मजदूरों के मुद्दों को देखने के लिए, राष्ट्र को विकसित बनाने के लिए तथा उन्हें तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए वर्ष 1969 में इसे शांति के नोबेल पुरूस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • वर्ष 1999 में जिनवा में सदस्य देशों की बैठक में कन्वेंशन 182 को अपनाया गया था, जिसका उद्देश्य बच्चों को बालश्रम के सबसे बुरे कार्यों जैसे तस्करी, वेश्यावृत्ति, दासता एवं सशस्त्र संघर्ष से बचाना है।

कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य में सुधार का महत्वः

  • मानसिक स्वास्थ्य सहित बेहतर स्वास्थ्य को मानवाधिकार के रूप में स्थापित करेगा।
  • सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति में मदद करेगा। विशेष रूप से स्वास्थ्य संबंधी SDG-3 और सभी के लिए गरिमापूर्ण कार्य संबंधी SDG-8 लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद मिलेगी।
  • कार्यस्थल पर निष्कासन को कम करेगा और व्यक्तियों/परिवारों की आर्थिक सुरक्षा बढ़ाएगा।
  • बड़े श्रम बाजार और उच्च उत्पादकता के माध्यम से उद्योगों को लाभ पहुंचाएगा।
  • स्वास्थ्य देखभाल और कल्याण सहायता पर सरकारी रारा में बचत करेगा।

स्रोत द हिन्दू

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