कार्बन प्राइसिंग लीडरशिप रिपोर्ट 2021-2022 जारी की गई
यह रिपोर्ट कार्बन प्राइसिंग लीडरशिप कोएलिशन (CPLC) के सचिवालय द्वारा जारी की गयी है।
यह रिपोर्ट अग्रलिखित विषयों पर समीक्षा प्रदान करती है:
- कार्बन मूल्य निर्धारण में वैश्विक विकास-क्रम, कार्बन बाजार के विकास के निहितार्थ और कार्बन मूल्य निर्धारण क्षमता की व्यापक सीमाएं।
- कार्बन मूल्य निर्धारण, उत्सर्जन पर शुल्क लगाकर और/या कम उत्सर्जन के लिए प्रोत्साहन की पेशकश करके ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर अंकुश लगाता है।
कार्बन उत्सर्जन पर निम्नलिखित दो तरीके से मूल्य लागू किया जाता है:
- कार्बन कर: यह वह मूल्य है, जो कार्बन डाइऑक्साइड के प्रत्येक मीट्रिक टन उत्सर्जन के लिए सरकारें उत्सर्जकों से वसूल करती हैं।
- उत्सर्जन व्यापार प्रणाली (कैप एंड ट्रेड/सीमा और व्यापार): यह ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के लिए एक व्यापार योग्य-परमिट प्रणाली है। इसके तहत ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन की ऊपरी सीमा (कैप) निर्धारित की जा सकती है। इस सीमा तक उत्सर्जन की अनुमति होती है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:
- वर्तमान में वैश्विक उत्सर्जन का 4% से कम कार्बन मूल्य निर्धारण के दायरे में है। यह पेरिस समझौते के वैश्विक तापन रोधी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए वर्ष 2030 तक की आवश्यक सीमा के भीतर है।
- कई देशों ने अपनी कार्बन कर दरों में वृद्धि की है और अधिक महत्वाकांक्षी मार्ग को अपनाया है।
- कई देशों में प्रायोगिक उत्सर्जन व्यापार प्रणाली (ETS) पर विचार किया जा रहा है।
- अनुच्छेद 6 पर समझौता कार्बन बाजारों में रुचि को और प्रोत्साहित कर रहा है।
- यह राष्ट्रों को दोहरी गणना से बचने हेतु पर्यावरणीय समग्रता के लिए एक विकल्प प्रदान करता है। यह विकासशील देशों में निजी पूंजी आने का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
कार्बन प्राइसिंग लीडरशिप कोएलिशन (CPLC)
यह एक स्वैच्छिक पहल है। यह सरकार, व्यवसाय, नागरिक समाज और शिक्षा जगत के नेतृत्व को एक साथ लाती है। इससे प्रभावी जलवायु कार्रवाई में तेजी लाने और उसके वित्तपोषण के लिए एक साधन के रूप में कार्बन मूल्य निर्धारण की वैश्विक समझ में वृद्धि की जा सकेगी।
स्रोत –द हिन्दू