कार्बन कैप्चर एंड स्टोरेज (CCS)
हाल ही में नॉर्वे अपने उत्तरी सागर तट पर विश्व की पहली ओपन-एक्सेस कार्बन कैप्चर एंड स्टोरेज (CCS) अवसंरचना का निर्माण कर रहा है ।
यह अवसंरचना CO2 कैप्चर करने वाले प्रत्येक उत्सर्जक को यह सुविधा देगी कि वह सुरक्षित प्रबंधन, परिवहन और भंडारण के लिए उस कैप्चर की गई CO2 को इस अवसंरचना को आपूर्ति कर सकता है।
CCS कार्बन उत्सर्जन को कम करने का एक तरीका है। यह ग्लोबल वार्मिंग से निपटने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है। यह एक तीन-चरणीय प्रक्रिया है।
इसमें शामिल हैं:
- विद्युत उत्पादन या औद्योगिक गतिविधियों द्वारा उत्पादित CO को कैप्चर करना;
- इसका परिवहन करना तथा
- तत्पश्चात इसे भूमि के अंदर गहराई में भंडारित करना।
इसके अलावा, ‘कार्बन कैप्चर यूटिलाइजेशन एंड स्टोरेज’ (CCUS) नामक एक अन्य संबंधित अवधारणा भी है। इस विधि में कार्बन को संग्रहित करने की बजाय औद्योगिक प्रक्रियाओं में उसका फिर से उपयोग किया जा सकता है।
स्रोत –द हिन्दू