काराकोरम विसंगति

काराकोरम विसंगति

हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा काराकोरम विसंगति (Karakoram Anomaly) के मुद्दे का समाधान कर लिया गया है।

काराकोरम विसंगति मध्य काराकोरम में हिमनदों के स्थिर रहने या उनमें असामान्य वृद्धि की स्थिति है।

यह हिमालय की नजदीकी पर्वत श्रृंखलाओं और विश्व की अन्य पर्वत श्रृंखलाओं में हिमनदों के पीछे हटने की परिघटना के विपरीत है।

शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक अध्ययन प्रकाशित किया था। इसमें काराकोरम रेंज में हिमनदों के वैश्विक तापन के कारण नहीं पिघलने के कारणों की व्याख्या करने के लिए नए सिद्धांत की पुष्टि की गयी है।

पिछले अध्ययनों में इस विसंगति के बनने और बने रहने के लिए तापमान की भूमिका को रेखांकित किया गया था। पहली बार इस विसंगति के लिए वर्षा को जिम्मेदार माना गया है।

काराकोरम विसंगति के कारण

  • पश्चिमी विक्षोभ (western disturbances) का फिर से सक्रिय होना, इस विसंगति को पैदा करने और बनाए रखने में सहायक रहा है।
  • हाल के दशकों में काराकोरम के मुख्य हिमनदीय क्षेत्रों में हिमपात बढ़ाने में पश्चिमी विक्षोभ के योगदान में लगभग 27% की वृद्धि हुई है। वहीं पश्चिमी विक्षोभ से भिन्न स्रोतों से प्राप्त वर्षा में लगभग 17% की कमी आई है।
  • काराकोरम–हिमालय पर पश्चिमी विक्षोभ से जुड़ी शीतकालीन वर्षा इस विसंगति के बनने के प्रमुख कारणों में से एक है।

काराकोरम श्रेणी:

  • काराकोरम और पीर पंजाल श्रेणी हिमालय श्रेणी के उत्तर-पश्चिम तथा दक्षिण में स्थित है। काराकोरम श्रेणी का एक बड़ा हिस्सा भारत और पाकिस्तान के मध्य विवादित है।
  • काराकोरम की लंबाई लगभग 500 किमी. है तथा इसमें पृथ्वी की कई शीर्ष चोटियाँ स्थित हैं। K2; जिसकी ऊँचाई 8,611 मीटर है तथा जो दुनिया की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है, काराकोरम श्रेणी में स्थित है।
  • हिंदू-कुश श्रेणी जो काराकोरम श्रेणी का ही विस्तार माना जाता है अफगानिस्तान में स्थित है। ध्रुवीय क्षेत्रों के बाद काराकोरम में सबसे अधिक ग्लेशियर हैं।
  • सियाचिन ग्लेशियर और बिआफो (Biafo) ग्लेशियर; जो दुनिया के क्रमश: दूसरे और तीसरे बड़े ग्लेशियर हैं, इस सीमा में स्थित हैं।

स्रोत द हिन्दू

Download Our App

More Current Affairs

Share with Your Friends

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

Related Articles

Youth Destination Facilities

Enroll Now For UPSC Course