काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं बाघ अभ्यारण्य
असम सरकार ने हाल ही में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं बाघ अभ्यारण्य के सुरक्षा गार्डों की मारक क्षमता में वृद्धि करने और उन्हें कमांडो प्रशिक्षण प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है। इन उपायों का उद्देश्य अवैध शिकार को रोकना है।
मुख्य बिंदु
- मैरी कर्जन की सिफारिश पर वर्ष 1908 में असम में निर्मित किया गया यह एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह उद्यान पूर्वी हिमालयी जैव विविधता हॉटस्पॉट के अंतर्गत गोलाघाट और नागांव जिले की सीमाओं पर स्थित है।
- समूर्ण विश्व में पाए जाने वाले एक सींग वाले गैंडों की कुल आबादी का 2/3 भाग काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में ही पाए जाते हैं। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान को ‘विश्व धरोहर स्थल’ का दर्जा प्राप्त है।
- इसे पक्षी प्रजातियों के संरक्षण के लिए बर्डलाइफ इंटरनेशनल द्वारा एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र के रूप में भी मान्यता प्राप्त है।
- काजीरंगा में चार बड़ी प्रजातियों के संरक्षण प्रयासों पर मुख्य ध्यान पर केंद्रित किया जा रहा है। ये चार प्रजातियाँ हैं,गैंडा, हाथी, रॉयल बंगाल टाइगर और एशियाई जल भैंसा ।
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से ब्रह्मपुत्र, डिफ्लू, मोरा डिफ्लू और मोरा धनसिरी, चार मुख्य नदियां होकर गुजरती है।
स्रोत – द हिन्दू