कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य इबोला मुक्त घोषित
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य इबोला मुक्त घोषित
- हाल ही में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य ने आधिकारिक तौर पर देश में 12 वेंइबोलाप्रकोप के अंत की घोषणा की है ।
- विदित हो कि 7 फरवरी 2021 को देश में इबोला का प्रकोप घोषित किया गया था। अब तक इसके कुल 12 मामले सामने आए हैं।जिसके कारण उत्तरी किवु के पूर्वी प्रांत में 6 लोगों की मौत हो गई है ।
- इस महामारी को तीन महीने से भी कम समय में नियंत्रण में लाया जा सका है, इसके लिए कांगो की प्रतिक्रिया टीम और स्वास्थ्य सहयोगियों का महत्वपूर्ण योगदान है।
इबोला का प्रकोप
- इबोला की शुरुआत वर्ष 2018 से हुई थी| वर्तमान इबोला का प्रकोप आनुवंशिक रूप से जून 2019 मेंआये इबोला महामारी से सम्बंधितहै । उस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो में एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में घोषित किया था।
- ज्ञातव्य हो कि वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल तब घोषित किया जाता है, जब बीमारी का प्रकोप अन्य देशों के लिए भी खतरा उत्पन्न कर सकता है। इसके लिए सम्मिलित रूप से सभी देशों की सहमति की जरुरत हो सकती है।वर्तमान में, इबोलामहामारी के खिलाफ गिनी भी लड़ रहा है।
‘इबोला’ के बारे में:
- इबोलावायरस रोगएक घातक बीमारी है, जो मनुष्यों में फैलती है।इसे पहले इबोलारक्तस्रावी बुखार के रूप में जाना जाता था।
- इबोलावायरस की खोज 1976 में हुई थी। 2014-16 में इबोला का प्रकोप पश्चिम अफ्रीका में सर्वाधिकथा।
- इस इबोलावायरस की उत्पत्ति चमगादड़ से मानी जाती हैं। सर्वप्रथम इसका प्रसार जंगली जानवरों से लोगों तक पहुंचा,फिर मानव-से-मानव में इसका संचरण फैला है ।
- वर्ष 2019 में, WHO ने इबोला को वैश्विक स्वास्थ्य के लिए शीर्ष दस खतरों वाली बीमारी घोषित किया। इबोलावायरस रोग के मामलों में मृत्यु दर लगभग 50% है।
रोकथाम:
- इस बीमारी के प्रकोप को सफलतापूर्वक नियंत्रित करने के लिए सामुदायिक भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। प्रकोप का अच्छा नियंत्रण, संक्रमित मामलों का प्रबंधन, निगरानी और इसके संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान, उपयुक्त प्रयोगशाला सेवाओं और सामाजिक जागरूकता पर निर्भर करता है।
निदान :
- इबोला के निदान के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विधियों में एलिसा, सीरमन्यूट्रलाइजेशनटेस्ट, इलेक्ट्रॉनमाइक्रोस्कोपी, सेल कल्चर द्वारा वायरस अलगाव, रिवर्सट्रांसक्रिपटेसपोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर), एंटीजनकैप्चरडिटेक्शनटेस्ट हैं।
इबोला का टीका
- rVSV-ZEBOV एक इबोलावैक्सीन थी जिसका इस्तेमाल 2015 में गिनी में किया गया था, एवं इसका इस्तेमाल कांगो में 2018-19 ईबोला के प्रकोप के दौरान भी किया गया था।
स्रोत – द हिन्दू
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