केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) कर आधार का विस्तार करेगा

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) कर आधार का विस्तार करेगा

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड का उद्देश्य वित्त वर्ष 2024 में 10% नए टैक्स रिटर्न दाखिलकर्ताओं को जोड़ना है। साथ ही, कर आधार को बढ़ाकर 86 मिलियन तक करना है।

  • वर्ष 2020-21 में 6.8 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे, लेकिन केवल 1.69 करोड़ भारतीयों ने ही आयकर का भुगतान किया था। यह संख्या देश की कुल आबादी का केवल लगभग 1.2% ही है ।
  • वर्तमान में कतिपय उच्च-मूल्य वाले लेन-देन की जांच करने और स्रोत पर कर कटौती (TDS) का परीक्षण करने के लिए अलग-अलग एजेंसियों से डेटा एकत्र करने हेतु एक केंद्रीय कार्य योजना चलाई जा रही है।

कम कर-आधार (टैक्स-बेस) के कारण:

  • टैक्स रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया जटिल है,
  • आयकर भुगतान के दायरे से कृषि क्षेत्र को बाहर रखा गया है, भारत की अर्थव्यवस्था में अनौपचारिक क्षेत्र का आकार बड़ा है,
  • देश के कर प्रशासन तंत्र पर अत्यधिक बोझ है,
  • कर भुगतान के बारे में जागरूकता और कर-साक्षरता की कमी है,
  • कर संबंधी मुकदमेबाजी की संख्या अधिक है आदि ।

सरकार द्वारा उठाए गए कदम

  • बैंक खातों के साथ पैन संख्या को जोड़ा जा रहा है (क्रॉस-सीडिंग) ।
  • कंप्यूटर असिस्टेड स्क्रूटनी सेलेक्शन (CASS), नॉन-फाइलर्स मॉनिटरिंग सिस्टम (NMS), इनकम टैक्स बिजनेस एप्लीकेशन (ITBA) जैसी कम्प्यूटर एडेड प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जा रहा है।
  • टैक्स स्लैब और टैक्स दर को सुसंगत बनाया जा रहा है। ITR फॉर्म का सरलीकरण किया गया है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxation)

वर्ष 1963 में केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम,1963 (Central Board of Revenue Act, 1963) के माध्यम से केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन दो संस्थाओं का गठन किया गया था, जो निम्नलिखित हैं-

  • केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxation)
  • केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Excise and Customs)

ये दोनों ही संस्थाएँ सांविधिक निकाय (Statutory Body) हैं। इनमें से CBDT प्रत्यक्ष करों से संबंधित नीतियों एवं योजनाओं के संबंध में महत्त्वपूर्ण इनपुट प्रदान करने के साथ-साथ आयकर विभाग की सहायता से प्रत्यक्ष करों से संबंधित कानूनों को प्रशासित करता है।

CBEC भारत में सीमा शुल्क (Custom Duty), केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Central Excise Duty), सेवा कर (Service Tax) तथा नारकोटिक्स (Narcotics) के प्रशासन के लिये उत्तरदायी नोडल एजेंसी है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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