कर्नाटक में लिथियम निक्षेप प्राप्त
- परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय द्वारा मांड्या ज़िले, कर्नाटक केमार्लगल्ला-अल्लापटनाक्षेत्रकी पेग्माटाइट चट्टानों में 1,600 टन लिथियम संसाधनों की मौजूदगी का पता चला है।
लिथियम:
- यह एक नरम तथा चांदी के समान सफेदक्षारीय एवं दुर्लभ धातु है तथा मानक परिस्थितियों में, यह सबसे हल्की धातु और सबसे हल्का ठोस तत्व है।
- इसे खनिज तेल में संगृहित किया जाता है। यह अत्यधिक प्रतिक्रियाशील और ज्वलनशील होती है।
- लिथियम का सिंगल बैलेंस इलेक्ट्रॉन इसे विद्युत् का अच्छा संवाहक बनाता है।
- इसमें किसी भी ठोस तत्व की तुलना में उच्चतम विशिष्ट ऊष्मा क्षमता होती है।
- यह ज्वलनशील होता है तथा हवा एवं पानी के संपर्क में आने पर विस्फोटक भी हो सकता है।
उपयोग:
- लिथियम का सर्वाधिक उपयोग मुख्य रूप से, लिथियम आयन बैटरी निर्माण में, लूब्रिकैटिंग ग्रीस, एल्युमिनियम के साथ विमान के पुर्जे बनाने में, रॉकेट प्रणोदकों के लिए उच्च ऊर्जा योजक, मोबाइल फोन के लिए ऑप्टिकल मॉड्यूलेटर तथा थर्मोन्यूक्लियर अभिक्रियाओं में किया जाता है।
- लिथियम, नई प्रौद्योगिकियों के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है और इसका उपयोग सिरेमिक, शीशा, दूरसंचार और अंतरिक्ष संबंधी उद्योगों में किया जाता है।
नियत पदार्थ (Prescribed substance):
- लिथियम को परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 के तहत “नियत पदार्थ” के रूप में घोषित किया गया है, क्योंकि यह थर्मोन्यूक्लियर अनुप्रयोगों में आता है।
- इस वजह से भूवैज्ञानिक क्षेत्रों में लिथियम की खोज के लिए AMD को अनुमति प्रदान की गई है।
- परमाणुऊर्जाअधिनियम, 1962 के तहत, “नियत पदार्थ” का तात्पर्य, केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित उन पदार्थों से होता है, जो परमाणु ऊर्जा के उत्पादन या उसके उपयोग अथवा इससे संबंधित पदार्थो जैसे कि, यूरेनियम, प्लूटोनियम, थोरियम, बेरिलियम, ड्यूटेरियम या उनके यौगिकों के अनुसंधान में उपयोग किये जा सकते हैं।
स्रोत – पीआईबी