ओसीरिस रेक्स अंतरिक्षयान (OSIRIS-Rex Spacecraft) बेन्नू क्षुद्रग्रह से विदा
- नासा के ओसीरिस रेक्स अंतरिक्षयान (OSIRIS-REx Spacecraft) ने 11 मई को, बेन्नू नामक क्षुद्रग्रह से विदा लेकर पृथ्वी के लिए वापस अपनी दो साल की लंबी यात्रा शुरू कर दी है।
- बेन्नू क्षुद्रग्रह की सतह से नासा केओसीरिस रेक्स अंतरिक्षयान (OSIRIS-REx Spacecraft) ने चट्टानों के नमूने एकत्र किए है। इससे सौर मंडल उत्पत्ति का पता लगाने में मदद मिलेगी।
ओसीरिस-रेक्स अंतरिक्षयान (OSIRIS-REx Spacecraft) के बारे में
- विदित हो कि, अमरीकी अन्तरिक्ष एजेंसीनासा द्वारा 8 सितंबर, 2016 को फ्लोरिडा के केप केनेवरल एयरफोर्स स्टेशन से ओसीरिस-रेक्स (Osiris-REx) अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण किया गया था।
- अमेरिकी कम्पनी लॉकहीड मार्टीन स्पेस सिस्टम्स द्वारा ओसीरिस-रेक्स (Osiris-REx) अंतरिक्ष यान निर्मित किया गया है।
- इसका पूरा नाम- Origins, Spectral Interpretation, Resource Identification, Security, Regolith Explorer एस्टेरॉयड सैंपल रिटर्न मिशन है।
- नासा द्वारा ओसीरिस-रेक्स अंतरिक्ष मिशन शुरू करने का उद्देश्य क्षुद्रग्रह बेन्नू से चट्टानों के नमूने एकत्र करने और उनका अध्ययन करना था।
- ओसीरिस-रेक्स अंतरिक्ष यान नेअपनी रोबोटिक भुजाओ के माध्यम से क्षुद्रग्रह बेन्नू की सतह से चट्टानों एवं खनिज तत्वों के नमूने एकत्र किए हैं।
इस अंतरिक्ष यान में निम्नलिखित पाँच उपकरण लगाए लगे हैं–
- ओसीरिस-रेक्स लेज़र अल्टीमीटर (OLA)
- ओसीरिस-रेक्स थर्मल एमिशन स्पेक्ट्रोमीटर (OTES)
- ओसीरिस-रेक्स विज़िबल एंड इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर (OVIRS)
- ओसीरिस-रेक्स कैमरा सूट (OCAMS)
- रेगोलिथ, एक्स-रे इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर (REXIS)
किसी क्षुद्र ग्रह के नमूनों को एकत्रित कर पृथ्वी पर लौटने के लिये यह नासा (NASA) का प्रथम प्रयास है।
क्षुद्रग्रह बेन्नू के बारे में
- इसे ‘1999RQ36’ के नाम से भी जाना जाता है। नासा के अन्तरिक्ष स्थित टेलेस्कोप द्वारा सर्वप्रथम 1999 में पृथ्वी के नजदीक से गुजरने के दौरानइसे सर्वप्रथम देखा गया था।
क्या होते है क्षुद्रग्रह अथवा ऐस्टरौएड?
- ये एक प्रकार के खगोलिय पिंड होते है जो ब्रह्माण्ड अधिकांशतः मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच में गति करते रहते हैं। यह पने आकार में उल्का पिंडो से बड़े और ग्रहों से छोटे होते है।
- ग्रहों की भांति क्षुद्रग्रह भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। सीरीस (Ceres) हमारे सोरमंडल का सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह है।
- खगोल वैज्ञानिको के अनुसार क्षुद्रग्रहों इनका निर्माण सौरमंडल के निर्माण के साथ ही हुआ था एवं अतीत में इन क्षुद्रग्रहों के लम्बे काल तक पृथ्वी से टक्कर के चलते पृथ्वी के निर्माण में मदद मिली है।
स्त्रोत – इंडियन एक्सप्रेस