ओमीक्रोन के बढ़ते मामले

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ओमीक्रोन के बढ़ते मामले 

हाल ही में प्रधानमंत्री ने ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों से कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने का आग्रह किया।

राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री ने कई घोषणाएं की, जिनमें शामिल हैं:

  • 23 जनवरी, 2022 से 15-18 वर्ष की आयु के किशोरों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम आरंभ किया जाएगा।
  • 10 जनवरी, 2022 से स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए टीके की एक प्रीकॉशन डोज़ (पूर्वोपाय खुराक)।
  • इसके अतिरिक्त, सहरुग्णताओं वाले और 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग अपने डॉक्टरों की सलाह पर 10 जनवरी, 2022 से प्रीकॉशन डोज़ लेने के पात्र होंगे।
  • प्रधानमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया है कि देश शीघ्र ही नेजल वैक्सीन और विश्व की प्रथम डी.एन.ए. वैक्सीन विकसित करेगा।
  • नाक के म्यूकोसा/ म्यूकस (श्लेष्मा) की संगठित प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण नासा मार्ग में टीकाकरण की उत्कृष्ट संभावना है।

अन्य लाभों  में शामिल हैं:

  • नॉन-इनवेसिव, उपयोग में सरलता, सुई से जुड़े जोखिमों का उन्मूलन, विस्तार योग्य निर्माण आदि।
  • डी.एन.ए. और आर.एन.ए. दोनों ही जीन आधारित टीके हैं।
  • पारंपरिक टीकों में शरीर में वायरस या बैक्टीरिया के दुर्बल रूप को इंजेक्ट किया जाता है। इनके विपरीत जीन आधारित टीकों के तहत प्रतिरक्षा अनुक्रिया को प्रोत्साहित करने के लिए वायरस के स्वयं के जीन के हिस्से का उपयोग किया जाता है।

जीन आधारित टीकों के लाभों में शामिल हैं:

ये सुरक्षित और गैर-संक्रामक हैं, एक मजबूत प्रकार की प्रतिरक्षा उत्पन्न कर सकते हैं, पारंपरिक टीकों की तुलना में इन्हें बेहतर ढंग से सहन किया जा सकता है और इनका अधिक तेजी से उत्पादन किया जा सकता है इत्यादि।

स्रोत – द हिन्दू

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